पहाडिय़ों से सौतेला व्यवहार बंद न किया गया तो होगा उग्र प्रदर्शन: इफ्तिखार अहमद

राजौरी (द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: अनिल भारद्वाज। केन्द्र शासित प्रदेश द्वारा पहाड़ी भाषायी लोगों के आरक्षण के संबंध में नए अधिनियम में फेर बदल कर व सौतेला व्यवहार करने पर भारतीय युवा कांग्रेस व पहाड़ी भाषायी संगठनों में काफी रोष देखने को मिल रहा है। कांग्रेस ने कहा जेके प्रशासन व सरकार को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाना होगा। उन्होंने कहा कि वे पहाड़ी भाषायी से संबंध रखने वाले हर एक व्यक्ति को न्याय दिलवाकर ही रहेंगें चाहे उसकी इनकम एक हजार हो या 8 लाख रुपए से पार।

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शुक्रवार को प्रेस क्लब राजौरी में भारतीय युवा कांग्रेस द्वारा एक पत्रकारवार्ता का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता इफ्तिखार अहमद राष्ट्रीय सह-समन्वयक भारतीय युवा कांग्रेस (नेशनल कोऑर्डिनेटर इंडियन आईवाईसी) ने की। इस मौके पर पहाड़ी समुदाय के नेता भी उपस्थित थे। इस मौके पर भारतीय युवा कांग्रेस ने केंद्र सरकार और जेकेयूटी की गलत नीतियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर की आवाम को उनके हक दिलवाकर ही रहेंगे। जम्मू-कश्मीर के मंत्री नेता चाल बाजी करना छोड़ दें। उन्होंने कहा कि मात्र गरीब आवाम को गुमराह किया जा रहा है।

इफ्तिखार अहमद ने कहा काफी जदोजहद के उपरांत पहाड़ी भाषीय लोगों को चार प्रतिशत आरक्षण मिला और जो उस समय अधिनियम लागू हुआ था उसमें कहीं भी कोई नहीं लिखा था कि किस व्यक्ति की ज्यादा से ज्यादा और कम से कम कितनी आमदन होनी चाहिए। उसमें कहीं भी इनकम स्लैब नहीं था कि जिसकी इनकम आठ लाख से ऊपर होगी उसे पहाड़ी आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा।

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर ने बीते रोज एक सरकारी आदेश जारी कर दिया गया है जिसमें में लिखा है कि आठ लाख रु से कम की इनकम वाले व्यक्ति को ही पहाड़ी आरक्षण का लाभ मिलेगा। आठ लाख रुपये से ऊपर का इनकम रखने बाले को इसका लाभ नहीं मिलेगा। पहाडिय़ों के संघर्ष को दबाने के लिए जेकेयूटी ने ऐसा किया है। और पहाड़ी आरक्षण को खत्म करने की साजिश रची जा रही है जिसे हम कभी सहन नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर इनकम स्लैब बनाना था जब पहले जो अधिनियम बनाया था उसी में डालते। केंद्र शासित का दर्जा मिलने के उपरांत जम्मू कश्मीर की जनता के साथ मजाक किया जा रहा है। पहले डोमिसाइल आडर बनाया जाता है तो दो दिन के बाद उसे बदल दिया जाता है। और एक्टबको चार महीने ही हुए की इनकम स्लैब डाल दिया।

इसके पीछे सोची समझी राजनीति भी हो सकती है। पहाडिय़ों के न्याय दिलवाने के लिए राजनीति नहीं होनी चाहिए जितने भी पहाड़ी मंत्री, नेता हैं सबको पहाडिय़ों को न्याय दिलवाने के लिए एक जुट होना चाहिए। पहाड़ी कल्चर एंड वेलफेयर फोरम, स्टूडेंट वेलफेयर व अन्य पहाड़ी लोगों से आपील है कि वह अपने हक के लिए और जो गैर संविधानिक एक्ट बनाया गया है इसके लिए एकजुट होकर संघर्ष करें। कांग्रेस नेता ने जेकेयूटी प्रशासन से आग्रह करते हुए कहा कि इस वास्तविक मुद्दे पर पुनर्विचार और आदेश में संशोधन करने किया जाए। और पहाड़ी जनजाति के लोगों के लिए कोई आय स्लैब नहीं होना चाहिए। अगर जेकेयूटी ने पहाडिय़ों की समस्या को दूर नहीं किया तो आने वाले समय मे भारतीय युवा कांग्रेस सडक़ों पर उतर उग्र प्रदर्शन करेगी। जिसकी जबाबदेही जेकेयूटी प्रशासन व सरकार की होगी। प्रेस कांफ्रेंस में अन्य नेता भी उपस्थित थे।

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