सेल्फ हेल्प ग्रुपों के द्वारा 6 लाख मास्क तैयार करवाए, 10 लाख और तैयार करवाए जाएंगे: तृप्त बाजवा

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। कोरोना वायरस के विश्वव्यापी प्रसार के कारण जहाँ दुनिया की आर्थिकता बुरी तरह प्रभावित हुई है, वहीं पंजाब सरकार मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में राज्य के लोगों को इसके प्रभाव से मुक्त रखने के लिए लगातार यत्नशील है। आज यहाँ से जारी बयान में ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री स. तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा ने बताया कि ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग की द्वारा मुश्किल की घड़ी में गरीब ग्रामीण लोगों को अधिक से अधिक रोजगार मुहैया करवाने के लिए हर प्रयास और साधन इस्तेमाल किया जा रहा है।

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ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया कि इसी के अंतर्गत विभाग द्वारा बीमारी से बचाव के लिए इस समय की मुख्य जरूरत मास्क और ऐपरन सेल्फ हेल्प ग्रुपों के द्वारा बड़े स्तर पर तैयार करवाकर सिविल और पुलिस प्रशासन को दिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब तक राज्य के सेल्फ हेल्प ग्रुपों द्वारा तकरीबन छह लाख मास्क और ऐपरन तैयार किये गए हैं जो कि इस संकट की घड़ी के दौरान वरदान साबित रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि 10 लाख और मास्क सेल्फ हेल्प ग्रुपों द्वारा तैयार करके दिए जाएंगे। जिसका अंदाजन सेल्फ हेल्प ग्रुपों को 50 लाख रुपए का कारोबार और मिलेगा। उन्होंने बताया कि मास्क बनाने के लिए सेल्फ हेल्प ग्रुपों को सामान अलग-अलग संस्थाओं और प्रशासन द्वारा मुहैया करवाया जा रहा है और मास्क तैयार करने के लिए सेल्फ हेल्प ग्रुप को प्रति मास्क 5 रुपए मेहनताना मिलता है। इस संकट की घड़ी में आजीविका मिशन अधीन ग्रामीण गरीब महिलाओं को रोजगार मिल रहा है और इस काम से हो रही कमाई से वह अपने परिवार का गुजारा चला रही हैं।

ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग द्वारा किये जा रहे यत्नों बारे जानकारी देते हुए वित्त सचिव ग्रामीण विकास विभाग सीमा जैन ने बताया कि मास्क बनाने के अलावा विभाग द्वारा महामारी सम्बन्धी बड़े स्तर पर गाँवों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विभाग ने सरपंचों के व्हाट्सऐप ग्रुप बना कर कोविड से बचाव के लिए जानकारी साझा की जा रही है और सरकार की हिदायतों को लोगों तक पहुँचाया जा रहा है, गाँवों में लगाए गए पौधों की संभाल के लिए वन मित्रों को रोजगार दिया गया है, सामाजिक दूरी बनाकर रखने के लिए चिह्न लगाऐ गए हैं, गाँवों में दवा का छिडक़ाव करके सेनिटेशन के तीन राउंड पूरे किये गए, गाँवों के तालाबों की सफाई करवाई, पंचायती जमीनों की सफल बोली करवाई और विभाग के अधीन काम कर रहे ग्रामीण डॉक्टरों और फार्मासिस्टों द्वारा फ्रंटलाईन पर कोविड वार्डों में ड्यूटी दी जा रही है।

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