नम्र और सहनशील को कुछ मांगने की जरुरत नहीं पड़ती: महात्मा मोहन लाल जी

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Report: Manpreet-
होशियारपुर/गढ़दीवाला (द स्टैलर न्यूज़)। सतगुरु माता सविंदर हरदेव जी महाराज कृपा से संत निरंकारी सत्संग भवन गढ़दीवाला में मुखी महात्मा मोहन लाल जी के नेतृत्व में संत समागम का आयोजन किया गया। इस मौके जोनल इंचार्ज महात्मा अजमेर सिंह संधू जी ने प्रवचन करते हुए कहा कि जब भी संत महापुरुष, पीर पैंगबर, गुरु धरती पर आए उन्होंने केवल संसार को प्यार का संदेश ही दिया। सभी धार्मिक ग्रंथो में भी इसका जिक्र आता है कि जिन्होंने प्रेम किया है वही इस परमात्मा को पाते हैं। जब इंसान के जीवन में प्यार, निर्मता व सहनशीलता होती है तो उसे कुछ मांगने की जरूरत नहीं पड़ती। उन्होंने उदाहरण देकर समझाया कि जब कोई बच्च माता पिता के कहने के अनुसार चलता है तो उसे किसी चीज को मांगने की जरूरत नहीं पड़ती। अपने आप ही बच्चे के माता पिता उसे

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सब कुछ समय समय अनुसार देते है। ऐसे ही अगर सतगुर के दिए दिशा निर्देशों हुक्मों की पालना अगर गुरसिख करता है तो उसका लोक सुखी परलोक सुहेला अपने आप ही हो जाता है, क्योंकि गुरसिख इसको सतगुरु की कृपा मानता है। उन्होंने ठंडे देशो की उदाहरण देते हुए समझाया कि अगर शरीर को ठंडक मिलती है तो उसका शरीर सुंदर होता है। इसी तरह अगर मन को सेवा, सिमरन व सत्संग में आकर ठंडक मिले तो उसका मन भी सुंदर हो जाता है। सतगुरु माता सविंदर हरदेव जी महाराज सारे संसार को मानवता, प्यार का संदेश दे रहे है अगर इंसान प्यार, निर्मता व सहनशीलता को अपनाता है तो जीवन में हमेशा आनंद ही आनंद बन जाता है। इस दौरान महात्मा हरबंस सिंह जस्सल ने मंच सचिव की भूमिका अदा की। अंत में मुखी महात्मा मोहन लाल जी ने आए हुए संत महात्माओं का धन्यवाद किया।

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