होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)। पूर्व कैबिनेट मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता तीक्ष्ण सूद द्वारा जारी प्रेस नोट में कहा गया है,कि पंजाब कैबिनेट द्वारा 28 अगस्त को एक दिन का विधानसभा का सत्र रखकर लोकतांत्रिक परंपराओं से धोखा किया गया है व सविधान की अनदेखी की गई है। भारतीय संविधान के अनुसार विधानसभा का सत्र 6 महीने के अंदर बुलाना महज औपचारिकता नहीं है बल्कि लोकतंत्र की जड़ें मजबूत करने के लिए यह उपबंध बनाया गया है।
28 अगस्त को पहले सत्र में दिवंगतों को श्रद्धांजलि भेंट की जाएगी तथा शाम के सत्र में औपचारिक कार्रवाई होगी। 1 दिन का सत्र बुलाने पर सरकार का लाखों रुपए का खर्चा आता है, परंतु इतने छोटे सत्र में कोई काम ना हो सकने के कारण सरकारी खज़ाने पर व्यर्थ का बोझ पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पंजाब में 117 विधान सभाओं के चुने हुए जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र की अनेकों समस्याएं लेकर विधानसभा के लोकतांत्रिक प्लेटफार्म पर पहुंचते हैं। परंतु एक दिन के सत्र में उन्हें औसतन 1 मिनट भी अपनी बात रखने का समय नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि 1 दिन का सत्र बुलाना मात्र संविधानिक परंपराओं से धोखा है तथा कांग्रेस ने हमेशा ही संविधान तथा गणतंत्र को तैहस नैहत करने वाली भूमिका अपनाई है।