जम्मू/राजौरी (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: अनिल भारद्वाज। राजौरी से शोपियां मजदूरी करने गए तीन युवकों का एनकाउंटर में मारे जाने को लेकर मामला दिन व दिन तूल पकड़ रहा है । और जिला राजौरी-पुंछ सहित जम्मू कश्मीर के लोग मामले की कड़ी जांच कर इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं। बार एसोसिएशन राजौरी ने उच्च न्यायालय की अध्यक्षता में जांच करने की मांग की है और कहा कि डीएनए टेस्ट के साथ छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। सेना व पुलिस जो जांच कर रही है हम उसका स्वागत करते हैं। वीरवार को प्रेस क्लब राजौरी में वार एसोसिएशन राजौरी ने एक प्रेस वार्ता का आयोजन कर पीडि़त परिवारों को जल्द न्याय की मांग की है।
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए वकीलों ने कहा कि मजदूरी के सिलसिले में राजौरी के तीन युवक कश्मीर के शोपियां इलाके में मजदूरी करने के लिए गए थे जानकारी के मुताबिक फर्जी एनकाउंटर में उनको मार दिया गया। इम्तियाज अहमद 12वीं कक्षा में 87 प्रतिशत माक्र्स लिए और वह खुद भी देश की सेवा करना चाहता था। वह घर वालों से अक्सर कड़ी मेहनत कर आगे की पढ़ाई जारी की बात करता था। हमारे मुताबिक इन तीनों युवकों का कोई कसूर नहीं था। संबंधित सरकार व एजंसियों की गलती से भारी नुकसान हुआ है। उपराज्यपाल से हमारी मांग है कि वह खुद भी इस केस को गंभीरता से लेकर पारदर्शिता के साथ कड़ी जांच करवाएं। हाईकोर्ट के जज की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर जांच करवाई जाए ताकि पीडि़त परिवारों को इंसाफ मिल सके। इस मामले में सेना व पुलिस जांच कर रही है हम उसका स्वागत करते है और जांच कमेटी की सराहना करते हैं। यह नुकसान फर्जी एनकाउंटर में सरकार व खुफिया एजेंसियों की लापरवाही की वजह से हुआ है। जांच में दोषी पाए जाने बालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।
वार एसोसिएशन की मांग है कि डीएनए टेस्ट के साथ छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए और शवों को जांच कर घर वालों के सपुर्द किया जाए और पीडि़त परिवार को 50- 50 लाख रुपए का उचित मुआवजा दिया जाए। इस फर्जी एनकाउंटर की हम कड़े शब्दों में कड़ी आलोचना करते हैं। अन्य वकीलों ने भी प्रेस वार्ता को सम्बोधित कर सरकार से इंसाफ़ की गुहार लगाई।