ऐग्रोकेमीकल की सप्लाई को यकीनी बनाने के लिए 4 महीनों में 3483 कीटनाशक दुकानों की हुई चैकिंग

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। मिशन तंदुरुस्त पंजाब के अंतर्गत कृषि और किसान क्ल्याण विभाग द्वारा राज्यभर की कीटनाशक दुकानों की नियमित चैकिंग की जा रही है जिससे किसानों के लिए मानक गुणवत्ता वाले ऐग्रोकेमीकल की सप्लाई को यकीनी बनाया जा सके। कृषि विभाग की तीनों कीटनाशक टेस्टिंग लैबोरेटरियाँ इंसैक्टीसाईड इंस्पेक्टरों के द्वारा लिए गए कीटनाशकों के नमूनों की जांच का काम कर रही हैं। मिशन तंदुरुस्त पंजाब के डायरैक्टर स. काहन सिंह पन्नू ने बताया कि 1 अप्रैल, 2020 से अब तक विभाग ने 3483 कीटनाशक दुकानों की जांच की है और 1584 कीटनाशकों के नमूने लिए हैं।

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अगर कोई नमूना घटिया दर्जे का पाया जाता है, तो कीटनाशक ऐक्ट, 1968 के अनुसार विभाग सम्बन्धित कीटनाशक डीलर के विरुद्ध तुरंत कानूनी कार्यवाही करता है। अप्रैल 2020 से अब तक डिफाल्टरों के खिलाफ अदालत में एक केस दायर किया गया है और दो ऐफआईआर भी दर्ज की गई हैं। इसके अलावा डीलरों को कारण बताओ नोटिस जारी किये गए हैं और 8 कीटनाशक डीलरों के लाइसेंस रद्द किये गए हैं। उन्होंने बताया कि कीटनाशकों की सप्लाई की निगरानी के लिए पिछले दो सालों के दौरान भी एक इसी तरह की मुहिम चलाई गई थी, जिस कारण साल 2018 के मुकाबले खरीफ सीजन 2019 के दौरान राज्य में 355 करोड़ रुपए की कीमत वाले 675 मीट्रिक टन (टैक्निकल ग्रेड) कीटनाशकों का कम प्रयोग किया गया जो एक साल में कीेटनाशकों के प्रयोग में लगभग 18 प्रतिशत की कमी है। खरीफ 2018 के दौरान कीटनाशकों का प्रयोग 3838 मीट्रिक टन था, खरीफ 2019 के दौरान यह प्रयोग घटकर 3163 मीट्रिक टन रह गया था। स. पन्नू ने कहा कि कीटनाशकों की दुकानों की चैकिंग के नतीजे के तौर पर बिना ब्रैंड/फेल हुए नमूनों की दर घटकर साल 2017-18 में 4.51 फीसदी, साल 2018-19 में 2.89 फीसदी और साल 2019-20 में 2.44 फीसदी रह गई है।

यह पिछले सालों के दौरान ऐग्रोकेमीकल की गुणवत्ता में सुधार का स्पष्ट संकेत है। बढिय़ा गुणवत्ता वाले एग्रोकेमीकल न सिर्फ फसलों की उत्पादकता को बढ़ाने में सहायक हैं बल्कि लागत को भी घटाते हैं, इस तरह किसानों की कुल आय में वृद्धि होती है। ऐसे कड़े उपायों को अपनाने के साथ-साथ पंजाब में किसी भी तरह के घटिया गुण वाले एग्रोकेमीकल बेचने की आज्ञा नहीं है। विभाग द्वारा किसानों को कीटनाशकों की अच्छी गुणवत्ता की सप्लाई को यकीनी बनाने के लिए किये जा रहे सक्रिय यत्नों स्वरूप धान या कपास की फसल पर किसी भी कीट की कोई रिपोर्ट नहीं आई है। किसान फसलों की अच्छी पैदावार से संतुष्ट हैं और इस खरीफ सीजन के दौरान अच्छी कमाई की उम्मीद कर रहे हैं।

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