कोरोना त्रासदी में नौकरी खोने वालों के लिए तारनहार बना नाईस कम्पयूटरज़: प्रेम सैनी

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। पिछले तीन दशकों से होशियारपुर में सर्वश्रेष्ठ कम्पयूटर संस्थान का गौरव कमाने वाले नाईस कम्पयूटरज़ की अनुभवी मैनेजमेंट के दिशानिर्देश में रोजग़ारोन्मुखी प्रैक्टिकल ट्रेनिंग में गुणवत्ता, आधुनिक उच्चस्तरीय कम्पयूटर शिक्षा, उचित कैरियर गाईडेंस व यूथ ऐम्पावरमेंट की परम्परा को कायम किये हुये है। ग्लोबल आपदा कोरोना के वक्त में भी सामाजिक स्तर पर नाइस मैनेजमेंट के कई सराहनीय प्रयास रहे। ना केवल ज़रूरतमन्द परिवारों की आर्थिक व सामग्री के माध्यम से मदद की, अपनी टीम व विद्यार्थियों के साथ लगातार ऑनलाईन माध्यम से जुड़े रहकर उनका हौंसला बनाये हुए हैं। साथ ही बतौर काउन्सलर एवं क्लीनिकल साईकॉलोजिस्ट स्वीन सैनी ना केवल द मांईड मेंटरज़ बैनर तले अपनी उपयुक्त सेवायें दे रही हैं, लगातार सोशल मीडिया पर हर जन के लिये प्रेरक बनकर अनेकों के जीवन से जुड़ी समस्याओं से निदान दिला रही हैं। इसके अतिरिक्त यहां पर ऑनलाईन स्काईप सेशनज़ के द्वारा शहर या देष से बाहर भी यह सेवा दी जा रही है।

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सेंटर डायरेक्टर प्रेम सैनी ने बताया कि इस मन्दी के दौर में यूं तो सभी क्षेत्रों में कोई ना कोई नुकसान हुआ है लेकिन सबसे बड़ा आघात मल्टीनेशनल कम्पनियों व विदेशों में काम करने वाले उन युवाओं को लगा जसे लॉकडाउन में घर आये और अनिष्चितता के माहौल के रहते बहुतेरों की नौकरी चली गई। उनके अनुसार नाईस का मेल बॉक्स इस परिस्थिति में घिरे उम्मीदवारों के निवेदन से भरा रहा, जिनमें से बहुत की नौकरी का इंतज़ाम नाईस की तरफ से किया गया। इन उम्मीदवारों में से मुंबई के पांच सितारा रिज़ार्ट में काम कर रहे प्रमोद को होषियारपुर में रेस्ट्रां मैनेजर का काम दिलाया गया। काजल व मनप्रीत कौर को पहले दो महीने ट्रेनिंग देकर ऑनलाईन ऐजुकेशन के लिये तैयार कर काम दिया गया। किरन सूद जो कि तलाकशुदा सिंगल मदर हैं ने बताया कि वे महाराष्ट्र में एक अच्छी कम्पनी में बतौर फिजिय़ोथैरेपिस्ट व रिसेपशनिस्ट काम कर रही थी और उनकी आय से ही सारा घर चलता था। दो बच्चों के अलावा उनके माता पिता, अपाहिज भाई व बीमार बहन का जि़म्मा भी उनके उपर है।

लाकडाउन में नौकरी चले जाने से उन्हें होशियारपुर वापिस आना पड़ा और दर बदर भटकने के बाद उन्हें नाईस कम्पयूटरज़ में मैडम स्वीन सैनी से मिलने का मौका मिला। उन्होंने ना केवल उनकी पर्सनल काउंसलिंग की, काम के लिये कई जगह बात की व प्रेम सैनी जी के प्रयासों द्वारा रैड क्रास के माध्यम से उन्हें एक अच्छी नौकरी भी मिली। इतना ही नहीं उनके बड़े बेटे रिशव को भी आनलाईन कम्पयूटर सिखाकर कचहरी में बतौर कम्पयूटर ऑपरेटर नियुक्त कराया। उसी कड़ी में चर्चा करते हुये ब्यूटीशियन जानवी ने नाईस परिवार का तहेदिल से धन्यवाद करते हुये बताया कि सैलून बन्द होने से उनकी नौकरी चली गई। फेसबुक पर स्वीन मैम के लाइव सेशन से हौंसला मिलता था तो उन्हें मदद की अपील की। उन्होंने डोर टू डोर काम दिलाने में इतना साथ दिया कि आज वो खुद का काम चला रही हैं।

नाईस मैनेजमेंट ने इस महीने पारिवारिक शुभचिन्तकों व चन्द अज़ीज मित्रों की मदद से ज्वाय ऑफ गिविंग मिषन भी शुरू किया है। इस माध्यम से ज़रूरतमन्द परिवारों को कपड़े, जूते, बिस्तर, खिलौने व अन्य घरेलू सामान मुहैया करवाया जा रहा है। समस्त लोगों से यह अपील भी कि कोई भी किसी अभाव में मानसिक तनाव का शिकार ना होकर उन्हें मिले, मदद का हर सम्भव प्रयास किया जायेगा।

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