नई दिल्ली (द स्टैलर न्यूज़)। कोरोना महामारी दौरान करीब 5 माह तक चले लॉकडाउन दौरान शिक्षण संस्थान बंद कर दिए गए थे, जिन्हें आज स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने एसओपी जारी करते हुए 21 सितंबर से चरणबद्ध तरीके से खोलने के आदेश जारी किए हैं। इस एसओपी संबंधी जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बताया कि स्कूल प्रबंधकों द्वारा स्कूल आने वाले प्रत्येक व्यक्ति एवं बच्चों के स्वास्थ्य पर लगातार निगरानी रखनी होगी तथा राज्य हेल्पलाइन नंबर के साथ ही स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के फोन नंबर भी प्रदर्शित किए जाएं। उन्होंने कहा कि स्कूल आने वाले बच्चों के बैठने की व्यवस्था इस प्रकार करनी होगी कि प्रत्येक छात्र में कम से कम 6 फीट की दूरी हो।
इस दौरान विद्यार्थियों के एकत्र होने तथा खेलकूद से जुड़ी गतिविधियों पर मनाही होगी। इन निर्देशों में कंटेनमैंट जोन वाले शिक्षकों, कर्मचारियों को स्कूल जाने की आज्ञा नहीं होगी। इसी दौरान उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों को क्वारंटीन सैंटर के रूप में प्रयोग किया गया था उन्हें आंशिक तौर पर खोलने से पहले अच्छी तरह से सैनेटाइज करना होगा। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय दरा जारी एसओपी में कहा गया है कि स्कूल खुलने के बाद भी ऑनलाइन/डिस्टेंस लर्निंग की अनुमति रहेगी तथा स्कूल अधिकतम अपने 50 प्रतिशत शिक्षक और गैर शिक्षक स्टाफ को ऑनलाइन टीचिंग/टेलीकाउंसलिंग और इससे जुड़े दूसरे कामों के लिए बुला सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस दौरान 9वीं से 12वीं तक के छात्र स्कूल जाना चाहेंगे तो अभिभावकों की लिखित सहमति के साथ उन्हें स्कूल जाने की अनुमति होगी। जारी हिदायतों अनुसार 6 फीट की दूरी, मास्क पहनना, बार-बार हाथ धोना, श्वसन संबंधी शिष्टाचार का पालन करना, स्वास्थ्य की निगरानी करना और जगह- जगह नहीं थूकना आदि का पालन करना अनिवार्य होगा।
एसओपी अनुसार बच्चों को स्वेच्छा से स्कूल आने की इजाजत होगी इसके लिए कोई भी स्कूली प्रबंधक छात्र पर स्कूल आने के लिए दवाब नहीं बना सकता। परंतु स्कूल आने के लिए बच्चों के पास अभिभावकों से लिखित अनुमति प्राप्त होनी चाहिए। स्कूलों में स्वीमिंग पूल बंद रखा जाएगा, एयरकंडीशनर के तापमान को 24 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच ही रखना होगा। आद्रता 40-70 फीसद के बीच रखनी होगी, क्रॉस वेंटिलेशन और स्वच्छ हवा के लिए व्यवस्था करनी होगी।