दसूहा (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: मनु रामपाल। दसूहा के गांव झिंगडक़लां में एक प्राइवेट कंपनी के कर्मचारियों द्वारा औरतों के साथ गाली गलोच तथा जाति सूचक शब्द बोलने खिलाफ आज झींगड कलां तथा आसपास के गांव की 40/50 औरतों ने जीटी रोड व एसडीएम दफ्तर के समक्ष धरना दिया। इस मौके पर उन्होंने इस कंपनी के चार कर्मचारीयों के खिलाफ एक मांग पत्र भी एसडीएम दसूहा को दिया जिसे नायाब तहसील निर्मल सिंह ने एसडीएम की उपस्थिति में प्राप्त किया। इस मांग पत्र में कमलजीत पत्नी हरभजन सिंह तथा जसविंदर कौर पत्नी बलवीर सिंह निवासी झींगड कलां दसूहा ने लिखा कि हम वाल्मीकि जाति से सबंध रखते हैं।
आज 19 सितंबर को दोपहर 12 बजे के करीब कर्मचारी दविंदर सिंह, विचित्र सिंह, लखविंदर सिंह तथा सुखराज सिंह हमारे घरों में आए तथा कहने लगे कि लिए गए लोन की किस्तें दो। हमने कहा कि अभी तक हमारे पास कोई पैसा नहीं है। हमारे तो घरों का गुजारा बहुत मुश्किल चल रहा है तो उन्होंने हमें गाली गलोच करते हुए जाति सूचक गालियां दी तथा हमारे साथ हाथापाई पर उतर आए। यह लोग हमारे घरों में आकर गुंडागर्दी करते हैं। उन्होंने कहा कि इस सबंध में वह पहले भी मांग पत्र दे चुके हैं मगर सुनवाई न होने के कारण उन्हें सडकों पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उन्हें इंसाफ न मिला तथा इन लोगों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई न हुई तो जिला होशियारपुर की सभी एससी संस्थाओं को साथ लेकर एक बार फिर बड़ा संघर्ष करने पर वह मजबूर होंगी।
इस मौके मजदूरी मुक्त मोमोर्चा के महासचिव शिखा खोसला नै बताया कि पुलिस द्वारा कोई कारवाई न किए जाने के कारण उन्होंने आज सबसे पहले इस कंपनी के हाजीपुर रोड के दफ्तर के समक्ष धरना दिया था। वहां पर दफ्तर में मात्र दो महिला कर्मचारी ही मौजूद थी जो कि उनके वहां पहुंचते ही दफ्तर को ताला लगाकर भाग खड़ी हुई। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि यह कंपनी लोगों को ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जाकर महिलाओं को 30/30 हजार रुपए लोन मुहैया करवाती है मगर करोना महामारी के चलते कामकाज बंद होने के कारण किस्तें देना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस मौके खाने के लाले पड़े है तो इनको किस्तों की पड़ी है। कंपनी के लोगों द्वारा घरों में घुसकर गाली गलोच तथा जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करना कदापि बर्दाश्त नहीं जाएगा। उन्होंने कंपनी के चारों कर्मचारीयों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की।