पंजाब की किसानी की मौत नहीं करेंगे बर्दाश्त: डा. राज

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)। बहुत देर कर दी मेहरबान आते-आते: यह तंज डा. राज कुमार विधायक चब्बेवाल ने हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफे पर किया। उन्होंने आज यहां कहा कि यह इस्तीफा महज़ एक ड्रामा है। किसानीं की मौत के कानून पास होने के बाद ऐसा कदम उठाने का मतलब अपने राजनीतिक स्वार्थ साधने के अलावा और कुछ नहीं है। अगर, सही मायनों में किसान पक्षीय सोच होती तो आर्डिनैंस आने पर क्यों नहीं विरोध किया गया। अब भी बीबी हरसिमरत कौर कह रही हैं कि इस इस्तीफे से अकाली-भाजपा गठजोड़ नहीं टूटेगा। कल इंडिया टूडे को दिए इंटरव्यू में हरसिमरत ने यह भी कहा कि मैं यह नहीं कहती कि यह किसान विरोधी कानून है, यह तो किसान कह रहे हैं। ऐसे दोगले बयान तथा इस्तीफे की नौटंकी खुद ही आपस में विरोधी विचारधारा दर्शाते हैं।

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-डा. राज ने हरसिमरत और बादलों के दोगलेपन की निंदा की

यह किसानी के कत्ल के कानून भाजपा-अकाली दल की मिलीभगत के तहत किसानों के साथ किया गया घटिया मज़ाक है। डा. राज ने कहा कि इस कानून की तैयारियां तो बादल की पिछली सरकार के समय में ही शुरु हो गईं थीं। इसका इशारा मिलता है कि तब ही अदानी को साइलो बनाने के लिए न सिर्फ जमीन अलाट की गई बल्कि उस में 20 प्रतिशत की हिस्सेदारी भी रखी गई। सुनाम में जो साइलो बनकर तैयार हुआ है उसकी क्षमता 50 हज़ार मिट्रिक टन है। इतनी तैयारी बादल सरकार ने पहले ही कर ली थी। मोदी सरकार तथा अकाली दल दोनों को ही हमारे किसानों की खुशहाली रडक़ रही है। आज पंजाब के किसान की वार्षिक आमदन 2.70 लाख रुपये सारे देश से अधिक है तथा अब पंजाब सरकार द्वारा किसानों को कर्ज की गरत से निकाला जा रहा है।

डा. राज ने इन कानूनों को किसानी धंधे से जुड़े हर वर्ग किसान, आढ़तीयां, खेतीहर मजदूर आदि सभी के लिए घातक काला कानून करार दिया। बरतानवी साइमन कमिशन की तरह किसी भी संबंधित प्रभावति होने वाले वर्ग की नुमाइंदगी करने वाले किसी भी व्यक्ति विशेष या संगठन को यह आर्डिनेंस लाने से पहले विचार-विमर्श में शामिल नहीं किया गया। उन्होंने बेहद दुख जाहिर किया कि पूरे देश के अन्नदाता किसानों को आज मोदी सरकार ने सडक़ों पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया है। डा. राज ने किहा कि पंजाब की किरसानी अपने हकों के लिए हर संघर्ष करने के लिए सक्षम है तथा हम अपने किसानों के साथ हैं। हमारे किसानों की हिमायत में और मोदी सरकार के तुगलकी फरमान के विरोध में सोमवार 21 सितंबर को चब्बेवाल हलके में समूह कांग्रेस द्वारा रोष धरने लगाए जाएंगे। उन्होंने सभी कांग्रेसी साथियों एवं किसानों को इन रोष धरनों में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए भाग लेने की अपील की।

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