मुख्यमंत्री द्वारा पंजाब और बाहरी राज्यों से मैडीकल ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ाने के आदेश

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। राज्य में कोविड मामलों में हो रही वृद्धि और आने वाले हफ़्तों के दौरान कोविड मामले और बढऩे के संकेतों को देखते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज उच्च केस मृत्यु दर (सी.एफ.आर) वाले 13 जिलों में सहूलतें बढ़ाने और ऑक्सीजन की कमी न आने को यकीनी बनाने के लिए राज्य से और राज्य के बाहर से मैडीकल ऑक्सीजन सप्लाई बढ़ाने के आदेश दिए गए हैं। चाहे केस मृत्यु दर (सी.एफ.आर) मौजूदा समय में 2.89 फीसदी है और तेज़ी से नीचे आ रही है परन्तु अभी राष्ट्रीय औसत की अपेक्षा अधिक है और 13 जिलों में यह आंकड़े सबसे ज्यादा आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इनमें से सबसे ज़्यादा सी.एफ.आर. दर वाले 9 जिलों में निजी और सरकारी क्षेत्रों में तीसरे दर्जे की इलाज सहूलतें बढ़ाने की तत्काल ज़रूरत है। इन जिलों में कपूरथला, फतेहगढ़ साहिब, संगरूर, तरन तारन, होशियारपुर, रोपड़, मोगा, एस.बी.एस नगर और फिऱोज़पुर शामिल हैं। ज़्यादातर मौतें अस्पतालों में हो रही हैं जिनमें से लगभग आधी प्राईवेट ट्रशरी केयर अस्पतालों में से रिपोर्ट हो रही हैं।

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राज्य में उच्च मृत्यु दर पर चिंता ज़ाहिर करते हुए डॉ. के.के. तलवार की तरफ से पूरे राज्य में स्रोतों के अधिक से अधिक प्रयोग को यकीनी बनाने के लिए ज़ोर दिया गया क्योंकि अलग-अलग जिलों में उचित मानव संसाधन और सहूलतें ज़रूरी हैं। इसी दौरान कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि वह प्रधानमंत्री के साथ कल होने वाली वर्चुअल कॉन्फ्ऱेंस के दौरान दूसरे राज्यों में से ऑक्सीजन स्पलाई को बढ़ाने के मसले को उठाएंगे। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री से अपील करेंगे कि वह इन राज्यों (हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड) के लिए ज़रूरी हिदायतें जारी करें क्योंकि यह राज्य पंजाब के लिए मैडीकल ऑक्सीजन स्पलाई के मौजूदा समय में मुख्य स्रोत हैं।

कोविड मरीज़ों को ट्रशरी इलाज उपलब्ध करवा रहे पटियाला, अमृतसर और फरीदकोट के तीन सरकारी मैडीकल कॉलेजों में 14 फीसदी मृत्यु दर होने की रिपोर्टों के दरमियान मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें यह यकीनी बनाने की ज़रूरत है कि जान बचाने के लिए पंजाब में उचित ऑक्सीजन स्पलाई हो। उन्होंने विभागों को इन सरकारी मैडीकल कॉलेजों में मृत्यु दर जल्द से जल्द 10 फीसद से नीचे लाने के लिए और यत्न करने को कहा। कोविड स्थिति के जायज़े सम्बन्धी मीटिंग के दौरान राज्य के उच्च अधिकारियों और स्वास्थ्य माहिरों द्वारा मुख्यमंत्री को बताया गया कि इन तीनों सरकारी मैडीकल कॉलेजों की कुल 283 आई.सी.यू सामथ्र्य में से मौजूदा समय में 212 प्रयोग में हैं। मुख्यमंत्री को मैडीकल शिक्षा के सचिव डी.के. तिवारी द्वारा बताया गया कि मौजूदा समय में राज्य में ऑक्सीजन की कमी नहीं है और यदि 100 फीसदी आई.सी.यू प्रयोग में आते हैं तो और स्पलाई की ज़रूरत पड़ेगी।
उन्होंने बताया कि हिमाचल, हरियाणा और उत्तराखंड के तीन ईकाईयों से उपयुक्त स्पलाई के लिए नोडल अधिकारी निगरानी रख रहे हैं। कैबिनेट मंत्री बलबीर सिद्धू और ओ.पी.सोनी ने ज़ोर दिया कि यदि ज़रूरत पड़ती है तो ऑक्सीजन उद्योगों से ले ली जाये जबकि मुख्य सचिव विनी महाजन ने बताया कि अब तक पंजाब में औद्योगिक ऑक्सीजन ईकाईयों को मैडीकल ऑक्सीजन के उत्पादन के लिए 10 लाईसेंस जारी किये जा चुके हैं जो कि 14 मैडीकल ऑक्सीजन रीपैकेजिंग लाइसेंसों से अलग हैं। उन्होंने कहा कि राऊरकेला से ऑक्सीजन हासिल करने के लिए भी यत्न चल रहे हैं। स्वास्थ्य सचिव हुस्न लाल ने बताया कि 20 सितम्बर तक पंजाब का कुल पॉजिटीविटी रेट 6.15 फीसदी है जो कि 8.48 की राष्ट्रीय औसत फीसद की अपेक्षा कम है।

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