नई दिल्ली (द स्टैलर न्यूज़)। भारतीय रेल ने छह राज्यों अर्थात बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत 25 सितंबर, 2020 तक 10,66,246 कार्य श्रमदिवसों का सृजन किया है। केंद्रीय रेल तथा वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल इन परियोजनाओं में की गई प्रगति तथा इस स्कीम के तहत इन राज्यों में प्रवासी मजदूरों के लिए कार्य अवसरों के सृजन की करीबी रूप से निगरानी कर रहे हैं। इन राज्यों में लगभग 164 रेल अवसंरचना परियोजनाएं निष्पादित की जा रही हैं।
25 सितंबर, 2020 तक इस अभियान में 12,276 मजदूरों को संलिप्त किया जा चुका है और कार्यान्वित की जा रही परियोजनाओं के लिए संविदाकारों को 2190.7 करोड़ रुपये का भुगतान जारी कर दिया गया है। रेलवे ने प्रत्येक जिले में एवं राज्यों में भी नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की है जिससे कि राज्य सरकार के साथ एक घनिष्ठ समन्वय स्थापित की जा सके। रेलवे ने उन रेल कार्यों की पहचान की है जिनका इस योजना के तहत कार्यान्वयन किया जा रहा है। ये कार्य (1) लेवल क्रासिंग के लिए संपर्क सड़कों के निर्माण एवं रखरखाव, (2) पटरी के किनारे सिल्टेड जलमार्गों, ट्रेंच तथा ड्रेन का निर्माण एवं सफाई, (3) रेलवे स्टेशनों तक संपर्क सड़कों के निर्माण एवं रखरखाव, (4) विद्यमान रेल बांधों/कटिंग्स की मरम्मत एवं चैड़ीकरण, (5) रेलवे भूमि की अंतिम चारदीवारी पर पेड़ों का रोपण तथा (6) विद्यमान रेल बांधों/कटिंग्स/पुलों के सुरक्षा कार्य से संबंधित हैं।
उल्लेखनीय है कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 20 जून, 2020 को विनाशकारी कोविड-19 द्वारा बड़ी संख्या में प्रभावित प्रवासी मजदूरों की वापसी को देखते हुए उन क्षेत्रों/गांवों में सशक्त बनाने तथा आजीविका अवसर प्रदान करने के लिए गरीब कल्याण रोजगार अभियान नामक एक व्यापक रोजगार व ग्रामीण सार्वजनिक कार्य अभियान आरंभ किया था। प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत टिकाऊ ग्रामीण अवसंरचना के निर्माण के लिए 50,000 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी।
125 दिनों का यह अभियान मिशन मोड में चलाया जा रहा है और इसमें 116 जिलों में कार्यों/गतिविधियों के 25 वर्गों का केंद्रित कार्यान्वयन शामिल है। इनमें से प्रत्येक जिले छह राज्यों अर्थात बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से संबंधित हैं जहां लौटने वाले प्रवासी मजदूरों की बड़ी संख्या है। इस अभियान के तहत आरंभ किए गए सार्वजनिक कार्यों के लिए 50,000 करोड़ रुपये का रिसोर्स इनवेलप (खर्च की अधिकतम सीमा) होगा। यह अभियान 12 विभिन्न मंत्रालयों/विभागों अर्थात, ग्रामीण विकास, पंचायती राज, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, खनन, पीने का पानी एवं स्वच्छता, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा, सीमा सड़कें, दूरसंचार तथा कृषि के बीच 25 सार्वजनिक अवसंरचना कार्यों तथा आजीविका अवसरों को बढ़ाने से संबंधित कार्यों के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए एक समन्वित प्रयास है।