दसूहा (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: मनु रामपाल। शिवसेना हिंंद के उतर भारत प्रभारी के नेता बंटी जोगी व बााल्मीकि शक्ति सेवा दल की अध्यक्षता में दसूहा में एक शांति कैंडल मार्च निकाला गया। यह मार्च बाल्मीक मंदिर रिशी नगर से शुरू होकर विजय मार्केट, मेन बाजार, ओल्ड बैंक रोड, मियानी रोड व गुरुनानक मार्केट से गुजरते हुए दोबारा बाल्मीक मंदिर में समाप्त हुई। यहां 5 मिनट का मौन व्रत रखकर हथरस गैंगरेप पीड़ता मनीषा को श्रद्धांजलि दी गई। शिव सेनकों ने उत्तर प्रदेश पुलिस और हथरस प्रशासन की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए मुर्दाबाद के नारे लगाये। इस मौके बंटी जोगी ने कहा कि यूपी के गांव हाथरस की लडक़ी मनीषा के साथ चार लडक़ों ने जो दरिंदगी की है वह इंसानियत को शर्मसार करने वाली है।ऐसे लोगों के साथ किसी भी तरह की नरमी नही वरती जानी चाहिए। इन दरिंदो को बिना देरी फांसी पर लटका देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग राजनीतिक लाभ लेने के लिए और समाज को बांटने की मंशा से इस जघन्य अपराध को भी स्वर्ण और दलित के रूप में पेश कर रहे है, जबकि सच्चाई यह है कि पीड़ता मुनीषा देश की बेटी थी न कि किसी समुदाय विशेष की। जिसको इंसाफ दिलाने के लिए देश का प्रत्येक व्यक्ति प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि हम हर हाल में मुनीषा को इंसाफ दिलाकर रहेंगे। इस मौके बाल्मीकि समाज के चेयरमैन मनोहर लाल भट्टी ने कहा कि हथरत में तैनात मौके के अधिकारियों को तुरंत बर्खास्त कर देना चाहिए और दरिंदगी करने वाले आरोपियों को देश में चौक पर खड़ा कर गोली मार देनी चाहिए तांकि आगे से ऐसा अपराध करने से पहले आरोपी हज़ार बार सोचे। उत्तर प्रदेश सरकार को कानून व्यवस्था ठीक करनी चाहिए तांकि लोंगो का कानून और सरकार पर विश्वास बना रहे।
इस मौके बंटी जोगी ने कहा कि भारत के माने जाते चौथे स्तंभ मीडिया को कबरेज करने से रोकने पर भी यूपी सरकार की कडी निंदा की है। उन्होंने कहा कि प्रैस की आजादी पर भी अब यू पी सरकार की पूरे भारत में कडी निंदा हो रही है। इस मौके बूटा राम, लाडा, सेठी, राजा जालंधर, अमित कुमार, किशोर कुमार घुक्क, राजन कुमार बिहारी,शंकर, बाबू राम भट्टी, दीशा खोसला, जीवन रहेला, सौरभ भट्टी, अमनदीप शंकर,मनोज मलिक, रोहित भारी, तानशा मल्होत्रा, पंकज लहोरयां, अकाश मौसी, विमल मट्टू, मनीश लहोरिया, सन्नी प्रधान, रजत लहोरियां, अशु भट्टी, दीपक भट्टी, विक्की खौसला, अर्जित भट्टी सहित भारी संख्या में बाल्मीकि समुदाय के लोग उपस्थित थे।