होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। सिविल सप्लाई विभाग में बैठी तथाकथित काली भेड़ें कुछेक अधिकारियों और कर्मियों की कथित मिलीभगत के चलते जहां गरीबों को दिए जाने वाले गेहूं की चोरी हो रही है वहीं ऐसा करके अधिकारी भी खूब मालामाल हो रहे हैं। गरीबों को 2 किलोग्राम दिया जाने वाला गेहूं किस प्रकार चोरी हो रहा है, की वीडियो वायरल होने के बाद से ही सिविल सप्लाई विभाग में हडक़ंप मच गया है। कस्बा हरियाना के समीप पड़ती लक्कड़ मंडी जोकि मार्किट कमेटी के अधीन है में सरकारी अनाज का गोदाम बना हुआ है।
इस गौदाम में हल्का शाम चौरासी के सैकड़ों गांवों के गरीब लोगों को दिया जाने वाला गेहूं स्टोर करके रखा जाता है। लेकिन अधिकारियों की कथित मिलीभगत के चलते गरीबों के हक पर बम्बू लगाया जा रहा है और लोडिंग व अनलोडिंग करते समय हरेक बोरी में बम्बू लगाकर उसमें से एक से दो किलोग्राम गेहूं निकाल लिया जाता है। जिसे 2 रुपये की जगह पर महंगे भाव में बेच दिया जाता है। एक शख्स द्वारा गेहूं चोरी का बनाया गया वीडियो देखने पर साफ पता चल रहा है कि ट्राली में गेहूं लोड करते समय किस प्रकार बम्बू लगाकर बोरियों में से गेहूं की चोरी की जा रही है। 2 रुपये वाला गेहूं चोरी करके 21 रुपये किलो की हिसाब से बेच दिया जाता है। एक अनुमान के अनुसार अगर रोजाना इस गौदाम से एक हजार बोरी निकलती है तो अगर, उसमें से एक किलो गेहूं भी चोरी हो तो लगभग 10 क्वंटिल गेहूं बनता है। यानि कि सरकार को रोजाना 21 हजार रुपये का चूना और गरीबों का हक मारा जा रहा है वो अलग से।
इस वीडियो से एक बात और साफ हो जाती है कि गोदाम से चोरी होने वाले गेहूं को जब डिपो पर तोला जाता है तो अकसर ही उसमें से एकाध किलोग्राम गेहूं कम निकलता है तथा उस स्थिति में लोग डिपो होल्डर और मौके पर खड़े अधिकारी के साथ लड़ाई-झगड़े पर भी उतारु हो जाते हैं। यानि कि करे कोई और भरे कोई। इस संबंधी जब नौशहरा मंडी का दौरा किया गया तो वहां पर बोरियों में लगे बम्बू के निशान चोरी की सारी दास्तान खुद-ब-खुद बयान करते नजऱ आ रहे थे। इतने बड़े स्तर पर चल रहे इस घपले को बिना अधिकारियों की मिलीभगत से अंजाम नहीं दिया जा सकता तथा इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की जानी बेहद जरुरी हो जाती है। इस दौरान चौंकी दार सतपाल से बात करने पर उसके होश उड़ते नजऱ आए और वो आंख बचाते नजऱ आया। पूछने पर उसने बताया कि वे सिर्फ गेट पर पर्ची काटता है तथा इसके अलावा उसे कुछ नहीं पता।
दूसरी तरफ इंस्पैक्टर अमनदीप सिंह ढिल्लो का कहना है कि वे इस संबंधी पता करेंगे व जांच उपरांत ही कुछ कह पाएंगे। लेकिन हैरानी वाली बात यह है कि इंस्पैक्टर साहिब भी बात को घुमाते ही रहे। अब देखना यह होगा कि गेहूं चोरी का इतना बड़ा मामला प्रकाश में आने के बाद आला अधिकारी और सरकारी इसका क्या संज्ञान लेते हैं और भविष्य में ऐसा न हो इसके लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।