होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। जिले के ब्लाक टांडा के गांव फिरोज रोलियां के प्रगतिशील किसान चौधरी रजिंदर सिंह कृषि विभाग की बताई गई तकनीकों को अपनाकर एक सफल किसान के तौर पर उभरे हैं। अपने साथ-साथ अन्य किसानों को पराली आग न लगाने की प्रेरणा देकर वे किसानों के लिए मार्गदर्शन का कार्य कर रहे हैं। यह किसान सांझे परिवार की लगभग 70 एकड़ में गेहूं, धान, गन्ने व आलू की खेती करता है व पहली बार इन्होंने वर्ष 2018 में डिस्क प्लो की मदद से धान की पराली की संभाल खेत में ही की व पराली को आग नहीं लगाई, जिसके अच्छे परिणामों से उत्साहित होकर इन्होंने वर्ष 2019 में कृषि व किसान भलाई विभाग की ओर से सी.आर.एम. स्कीम के अंतर्गत ग्रुप बनाकर कस्टम हायरिंग सैंटर की स्थापना की और मल्चर, उलटावें हल व जीरो ड्रिल भी खरीदी।
किसान चौधरी रजिंदर ने बताया कि वह इन कृषि उपकरणों की मदद से अपने व बाकी ग्रुप के सदस्यों के अलावा क्षेत्र के अन्य किसानों की फसलों के अवशेषों को आग न लगाकर खेतों में ही प्रबंधन करने में मदद करता है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में उन्होंने अपने धान के लगभग 18 एकड़ रकबे में आग न लगाकर कंबाइन से कटाई के बाद उसके साथ ही मल्चर के साथ पराली को कुतर कर, उसको उलटावे हल के साथ मिट्टी में मिलाकर गेहूं, आलू व गन्ने की काश्त की।
चौधरी रजिंदर के मुताबिक इस तकनीक के अच्छे परिणाम को देखने के बाद उन्होंने इस वर्ष भी इस तकनीक से धान की पराली की संभाल की है। उन्होंने कहा कि आम तौर पर किसान गन्ने की खोरी को भी आग लगा देते हैं परंतु वह गन्ने की खोरी को भी मल्चर व उलटावे हल से खेत में ही मिलाकर जमीन की सेहत का सुधार कर अच्छा झाड़ प्राप्त कर रहा है।