पंजाब में भाजपा पंजाबियों से छिपा रहे मुँह और हरियाणा के हमरुतबा नेताओं द्वारा बिलों पर की जा रही है बेतुकी बयानबाज़ी: सिंगला

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। शिक्षा और लोक निर्माण मंत्री विजय इंदर सिंगला ने बुधवार को पंजाब विधानसभा की तरफ के पास किये किसान समर्थकी बिलों पर भाजपा नेताओं की तरफ से बेतुकी बयानबाज़ी करने के लिए आड़े हाथों लिया और हरियाणा भाजपा प्रमुख की तरफ से पंजाब के मामलों में टिप्पणियाँ करने के तर्कहीन आधार पर सवाल उठाए। श्री सिंगला ने कहा कि क्या पंजाब के भाजपा नेताओं ने अपने राज्य के हित किसी दूसरे को बेच दिए हैं जो हमारे मुद्दों पर बेतुकी बयानबाज़ी कर रहे हैं। जबकि भाजपा के विधायक हमारे की तरफ से बुलाए विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान तो बिना कुछ बोले ही वॉकआउट कर गए थे।

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कड़े शब्दों में ट्वीट भी किया और लिखा कि क्या यह बेवकूफ़ी नहीं कि पंजाब सरकार की तरफ से विधानसभा में ऐतिहासिक बिल पास करवाने के समय भाजपा नेताओं की तरफ से वॉकआउट किया गया था जबकि एक दिन बाद भाजपा के हरियाणा प्रमुख की नींद इन बिलों पर टिप्पणी करने के लिए खुली। पंजाब भाजपा प्रधान या राज्य से आते केंद्रीय मंत्री सहित भाजपा के संसद सदस्यों ने चूप्पी साधी रखी। इससे पता चलता है कि पंजाब में अब भाजपा की हालत कितनी दयनीय है। श्री सिंगला ने सवाल उठाते हुए कहा कि केंद्र के खेती बिलों के विरुद्ध पंजाब का कोई भाजपा नेता, राज्य प्रधान, केंद्रीय मंत्री और संसद सदस्यों ने चुप्पी साध रखी है। क्या वह पंजाब के निवासी नहीं या राज्य के किसानों को जवाबदेह नहीं हैं? उन्होंने कहा कि जब इन बिलों पर बहस का समय आया तो पंजाब विधानसभा में भाजपा के दोनों विधायकों ने विधानसभा में इन बिलों के विरुद्ध एक शब्द तक नहीं बोला। उन्होंने कहा कि पंजाब भाजपा के नेता अपने घरों के अंदर छिपे बैठे हैं जो इस बात की तरफ इशारा करता है कि उन्होंने राज्य के किसान, मज़दूरों, आढ़तीयों और कृषि पेशे के साथ जुड़े अन्य लोगों की पीठ में छुरा घौंपा है।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह हमेशा पंजाब के हितों के साथ खड़े हैं और अब एक बार फिर वह किसानों की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाने का भरोसा दे कर ‘किसानी का रक्षक’ बन गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि इन बिलों में किसानों की सभी शंकाओं का हल किया गया है जिसमें एम.एस.पी से कम कीमत पर फसल खरीदने वाले खरीददार या व्यापारी को कम से कम तीन साल की कैद के साथ जुर्माने की भी व्यवस्था है। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक दिन था जब पंजाब के कुल 117 में से 115 विधायकों ने इन बिलों के हक में वोट दिया और यहाँ तक कि सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के नेताओं के साथ मिलकर राज्यपाल से भेंट कर अपील की कि वह भारत के राष्ट्रपति को इन बिलों पर दस्तखत करने के लिए राज़ी करें। उन्होंने कहा कि राज्य के कृषि के साथ सम्बन्धित सभी पक्षों ने नये पास किये बिलों के प्रबंधों की प्रशंसा की है और बाकायदा कांग्रेस के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार का धन्यवाद किया है कि वह पंजाब की आर्थिकता की रीढ़ की हड्डी को बचाने के लिए डटे हुए हैं।

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