मुख्यमंत्री ने बस ऑपरेटरों के लिए 100 प्रतिशत कर माफी 31 दिसंबर तक बढ़ाई

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने राज्य के बस ऑपरेटरों को शुक्रवार को एक बड़ी राहत देते हुए सभी स्टेज कैरिज, मिनी और स्कूल बसों के लिए मोटर व्हीकल कर पर 100 प्रतिशत कर (टैक्स) माफी 31 दिसंबर तक बढ़ा दी है। इसके साथ ही करों के बकाए, ब्याज और जुर्माने के बिना की अदायगी 31 मार्च, 2021 तक आगे डाल दी गई है। एक सरकारी प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस कदम से परिवहन क्षेत्र को 100 करोड़ रुपए का कुल वित्तीय लाभ होगा। मुख्यमंत्री ने परिवहन मंत्री रजि़या सुल्ताना को यह भी निर्देश दिए हैं कि मिनी प्राईवेट बस मालिकों को पेश मुद्दे अगले हफ्ते तक निपटा दिए जाएँ। मुख्यमंत्री द्वारा इन फ़ैसलों और दिशानिर्देशों का एलान राज्य की विभिन्न प्राईवेट ट्रांसपोर्ट एसोसिएशनों के साथ एक वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के दौरान किया गया।

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इस मौके पर परिवहन मंत्री रजि़या सुल्ताना के अलावा वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल और परिवहन विभाग के सचिव के. शिवा प्रसाद भी हाजिऱ थे। हालाँकि परिवहन विभाग द्वारा पहले 31 दिसंबर तक 50 प्रतिशत तक ही कर माफी का सुझाव दिया गया था, परन्तु मुख्यमंत्री ट्रांसपोर्टरों की चिंताओं को मुख्य रखते हुए विभाग के सुझाव से आगे बढ़ते हुए 100 प्रतिशत राहत का एलान कर दिया। ध्यान देने योग्य है कि पहले राज्य सरकार द्वारा ट्रांसपोर्टरों को दो महीनों के लिए 30 सितम्बर तक 100 प्रतिशत राहत दी गई थी।

मुख्यमंत्री ने ट्रांसपोर्टरों को पेश आ रही मुश्किलों का नोटिस लिया, जिन्होंने अपना पक्ष सामने रखते हुए इस बात की तरफ ध्यान दिलाया कि जबकि 10 प्रतिशत से भी कम लोग बस सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं तो इस सूरत में उनके लिए अपने वाहन चलाने के लिए डीज़ल की लागत पूरी करनी भी मुश्किल हो रही है। ट्रांसपोर्ट एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाते हुए कहा कि हालाँकि राज्य के ट्रांसपोर्ट और पी.आर.टी.सी का मुख्य रूट होने के कारण काफ़ी माँग है, परन्तु प्राईवेट बस ऑपरेटरों को कोविड महामारी के कारण कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने ट्रांसपोटरों की इस बात के साथ सहमति प्रकट की कि उनका उद्योग, जिसका संचालन पूर्ण तौर पर पंजाबी ही करते हैं, को मौजूदा हालात को देखते हुए राज्य सरकार की ओर से मदद की ज़रूरत है और इसी कारण उन्होंने इस वर्ष के अंत तक कुल कर में छूट दिए जाने की माँग मान ली।

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