प्रदेश और केंद्र सरकार ने दिव्यांगों के लिए चलाई हैं कई योजनाएं: उपायुक्त

हमीरपुर (द स्टैलर न्यूज़)। प्रदेश और केंद्र सरकार ने दिव्यांगजनों के कल्याण, उत्थान और सशक्तिकरण के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के माध्यम से कई महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई हैं। इन लोगों के लिए सरकार ने विशेष भत्ते का प्रावधान किया है। 35 हजार रुपये से कम सालाना आय वाले परिवार के 40 से 69 प्रतिशत तक विकलांगता वाले लोगों के लिए हर माह एक हजार रुपये अपंग राहत भत्ता दिया जाता है। 70 प्रतिशत या इससे अधिक विकलांगता वाले सभी लोग जो किसी सरकारी नौकरी में न हों, के लिए प्रतिमाह 1500 रुपये भत्ते का प्रावधान है। इनके अलावा मानसिक रूप से अविकसित सभी दिव्यांगों को पेंशन दी जाती है। हमीरपुर जिला में इस समय 4311 लोगों को अपंग राहत भत्ता प्रदान किया जा रहा है।

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अपंग विवाह अनुदान योजना के अंतर्गत 40 से 74 प्रतिशत तक विकलांगता वाले लोगों के साथ विवाह करने पर पुरस्कार के रूप में 25 हजार रुपये की धनराशि दी जाती है, जबकि 75 से 100 प्रतिशत तक विकलांग की शादी पर 50 हजार रुपये दिए जाते हैं। हमीरपुर जिला में इस वित्त वर्ष में अभी तक 8 विकलांगों की शादी पर तीन लाख रुपये की पुरस्कार राशि दी जा चुकी है। 40 प्रतिशत या इससे अधिक विकलांगता वाले विद्यार्थियों को विकलांग छात्रवृत्ति योजना के तहत छात्रवृत्ति दी जाती है। जिला में इस वित्त वर्ष के दौरान अभी तक 64 विद्यार्थियों को 6.10 लाख रुपये से अधिक राशि दी गई है। इस योजना के तहत पहली कक्षा से पांचवीं कक्षा तक छात्रवृत्ति के रूप में प्रतिमाह 625 रुपये दिए जाते हैं। छठी से आठवीं तक 750 रुपये और नौवीं-दसवीं कक्षा में 950 रुपये की छात्रवृत्ति दी जाती है। इसके अलावा पहली से दसवीं कक्षा तक छात्रावास के लिए भी 1875 रुपये की राशि दी जाती है।

11वीं-12वीं कक्षा में प्रतिमाह 1250 रुपये छात्रवृत्ति और छात्रावास के लिए 2500 रुपये मिलते हैं। स्नातक स्तर पर 1875 रुपये मासिक छात्रवृत्ति, स्नातकोत्तर स्तर पर 2250 रुपये और एमबीबीएस, बीएएमएस इत्यादि व्यावसायिक डिग्री के लिए प्रतिमाह 3750 रुपये छात्रवृत्ति दी जा रही है। स्नातक, स्नातकोत्तर और व्यावसायिक डिग्री के दौरान छात्रावास के लिए पांच-पांच हजार रुपये दिए जाते हैं। कृत्रिम अंग लगवाने के लिए भी दिव्यांगों को आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जाती है। 40 प्रतिशत या इससे अधिक विकलांगता तथा 6500 रुपये मासिक आय तक के परिवारों से संबंध रखने वाले दिव्यांगों को कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण निशुल्क उपलब्ध करवाए जाते हैं। 6501 से दस हजार रुपये तक आय वालों को 50 प्रतिशत अनुदान पर कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण उपलब्ध करवाए जाते हैं। इस योजना के तहत अधिकतम आठ हजार रुपये तक के उपकरण उपलब्ध करवाए जा सकते हैं।

इनके अलावा पूरी तरह नि:शक्त व्यक्तियों तथा मानसिक मंदता और बहु-नि:शक्तता से ग्रस्त लोगों के कल्याण एवं उनके यथासंभव पूर्ण जीवन के लिए राष्ट्रीय न्यास योजना के तहत उन्हें विधिक संरक्षण प्रदान किया जाता है। 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर ऐसे लोगों के लिए उनके नजदीकी रिश्तेदारों में से विधिक संरक्षक बनाए जाते हैं। जिला में अभी तक ऐसे 116 नि:शक्त लोगों के विधिक संरक्षक बनाए जा चुके हैं।

40 प्रतिशत या इससे अधिक विकलांगता वाले लोगों को स्वरोजगार उपलब्ध करवाने के लिए राष्ट्रीय विकलांग वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से सस्ती दरों पर ऋण भी दिए जा रहे हैं। एकीकृत योजना के तहत 40 प्रतिशत या इससे अधिक विकलांगता वाले लोगों को सरकारी संस्थानों में व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है तथा प्रशिक्षण के दौरान उन्हें प्रतिमाह 1000 रुपये छात्रवृत्ति दी जाती है। उपायुक्त देवाश्वेता बनिक ने बताया कि दिव्यांगजनों को गृह निर्माण अनुदान योजना और कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना में भी शामिल किया गया है। उन्होंने जिला के सभी दिव्यांगजनों से सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने की अपील की है।

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