होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। जिला पशु पालन विभाग के अधीन आते वेटरनरी अस्पतालों में पालतू कुत्तों का इलाज होता है, लावारिस गोधन की तरफ डॉक्टर ध्यान नहीं देते। इन शब्दों का प्रगटावा नई सोच संस्था वैल्फेयर सोसायटी होशियारपुर के संस्थापक अध्यक्ष अश्वनी गैंद द्वारा लावारिस पशुधन को पकड़ते समय उन्होंने कहा कि वेटरनरी डॉक्टर मात्र पालतू जानवरों का ही इलाज करने के प्रति अपनी दिलचस्पी दिखाते हैं मगर सडक़ों पर लावारिस पड़े पशुधन की तरफ ध्यान नहीं दिया जाता है। जो पशु घायल अवस्था में होते हैं, गौ सेवकों द्वारा सेवा के माध्यम से उनका इलाज किया जाता है।
डॉक्टरों की ऐसी लापरवाही की एक ताजा उदाहरण देखने को मिली हैं। अश्वनी गैंद ने जब बजवाड़ा के पास घायल अवस्था में पड़े गौधन के इलाज हेतु बजवाड़ा में कार्य कर रही एक महिला जो वेटरनरी अस्पताल में डॉक्टर की काम करती हैं उन्हें फोन किया तो उन्होंने कहा कि आप किसी पुरुष डॉक्टर से संपर्क करें। मैं नहीं आ सकती। यह सुनने के पश्चात श्री गैंद ने कहा कि क्या महिला डाक्टर तनख्वाह नहीं लेते जो उन्होंने ऐसा कहा। इस संबंध में पशुपालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डा. हरजीत सिंह से पशु कल्याण समिति के सदस्य अश्वनी गैंद द्वारा बात की गई तो उन्होंने कहा कि उक्त डाक्टर के खिलाफ विभाग की तरफ से कार्यवाही की जाएगी।
इस दौरान उन्होंने कहा कि डाक्टरों की इपके साथ ड्यूटी लगा दी जाएगी जो घायल अवस्था में पढ़े पशुओं का इलाज करने में आपका सहयोग देंगे। इस अवसर पर सरपंच भूपेंद्र सिंह, हरदीप सिंह दीपा, अमन सेठी, राजेश शर्मा, सचिन टंडन, जसकरण, रघुवीर सिंह के अलावा अन्य संस्था के सदस्य मौजूद थे।