तकनीकी शिक्षा विभाग का उद्यम, मातृभाषा में होगी तकनीकी शिक्षा: चन्नी

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। राज्य के बच्चों को मातृभाषा में तकनीकी शिक्षा मुहैया करने का पंजाब सरकार का वादा पूरा करते हुए तकनीकी शिक्षा के 16 अलग-अलग ट्रेडों की पुस्तकों का पंजाबी में अनुवाद करवाया गया है और 25 अलग अलग ट्रेडों की पुस्तकों के पंजाबी अनुवाद का कार्य चल रहा है। इसी दौरान पंजाब सरकार ने डी.जी.टी., भारत सरकार को 25000 से अधिक प्रश्नों का पुलिंदा भेजा है जिससे राज्य के विद्यार्थियों के लिए प्रश्न पत्र पंजाबी में भेजे जा सकें, जबकि पहले तकनीकी शिक्षा के विद्यार्थियों के लिए केंद्र सरकार की तरफ से अंग्रेज़ी और हिंदी में ही प्रश्न पत्र भेजे जाते थे, जिससे राज्य के विद्यार्थियों को इनको समझने और हल करने में दिक्कत आती थी।

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पंजाब के तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने यह खुलासा आज पंजाब भवन में विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग वर्मा और डायरैक्टर श्री कुमार सौरभ की हाजिऱी में प्रैस कॉन्फ्ऱेंस के दौरान किया। श्री चन्नी ने कहा कि पंजाब सरकार ने मातृ भाषा दिवस के अवसर पर मातृभाषा को प्रोत्साहित करने के लिए यह ऐलान किया था, जिसको एक साल में ही अमली जामा पहना दिया गया है। उन्होंने कहा कि हालाँकि अभी यह शुरुआत है और बहु-तकनीकी कॉलेजों के पूरे पाठ्यक्रम की हवाला पुस्तकें पंजाबी में तैयार करके विद्यार्थियों को उपलब्ध करवाई जाएंगी। इसका पूरा श्रेय विभाग के सीनियर अफसरों को जाता है, जिन्होंने पूरी निष्ठा के साथ यह कार्य आरंभ किया हुआ है।

तकनीकी शिक्षा मंत्री ने एक और अहम ऐलान करते हुए बताया कि गुरदासपुर और फिऱोज़पुर में दो नयी कैंपस यूनिवर्सिटियों की स्थापना की जा रही है। शहीद भगत सिंह कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टैकनॉलॉजी फिऱोज़पुर और बेअंत कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टैक्नोलॉजी गुरदासपुर को आगामी बजट सैशन में कैंपस यूनिवर्सिटी बनाने के लिए बिल विधानसभा में पेश किया जायेगा। इसके अलावा शिक्षा का मानक और बढिय़ा करने के लिए आई.आई.टी. रोपड़ के साथ एम.ओ.यू साइन किया गया है और आई.आई.टी. रोपड़ को उनका मैंटर बनाया गया है। तकनीकी शिक्षा विभाग की उपलब्धियों का जि़क्र करते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि राज्य के सरकारी तकनीकी संस्थाओं में शिक्षा में व्यापक सुधार लाने के लिए कई क्रांतिकारी कदम उठाए गए। इसके मुख्य कारण हैं कि सरकारी तकनीकी शिक्षा संस्थाओं के अध्यापकों /इंस्ट्रक्टरों की जवाबदेही तय की गई है, नकल पर मुकम्मल रोक लगाई गई है और सामूहिक नकल करवाने की दोषी पाई गईं संस्थाओं के खि़लाफ़ बड़े स्तर पर कार्यवाही की गई। नकल रोकने के लिए राज्यभर के सभी संस्थानों में इम्तिहान कैमरों की निगरानी में करवाने के लिए इम्तिहान केन्द्रों में कैमरे लवाए गए हैं, जिनमें से 40 प्रतिशत संस्थानों के इम्तिहानों की निगारनी मुख्य कार्यालय के साथ ऑनलाइन भी जोड़ दी गई है और बाकी को ऑनलाइन करने की प्रक्रिया जारी है। अब तक 25 सरकारी बहु-तकनीकी कॉलेजों और 114 सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में कैमरे लगाए गए हैं।

श्री चन्नी ने बताया कि इन सुधारों के कारण ही लोगों की सरकारी तकनीकी शिक्षा संस्थाओं में विश्वसनियता बढ़ी है, जिस कारण राज्य के सरकारी बहु-तकनीकी कॉलेजों और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में दाखि़लों में भारी विस्तार हुआ है। कोविड-19 के बावजूद मौजूदा साल में राज्य के सरकारी बहु-तकनीकी कॉलेजों में 87 प्रतिशत दाखि़ले हुए, जबकि पिछली सरकार के समय यह दाखि़ला प्रतिशतता काफ़ी कम थी। राज्य सरकार की ओर से की गई नई पहलकदमियों बारे बात करते हुए श्री चन्नी ने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में साल 2017-18 से राज्य के सरकारी बहु-तकीनकी कॉलेजों में सी.एम. स्कॉलरशिप स्कीम लागू की गई थी। इस स्कीम का मंतव्य मैरीटोरियस विद्यार्थियों को सरकारी बहु-तकनीकी कॉलेजों की तरफ उत्साहित करना था। इसके अंतर्गत प्राप्त अंकों की प्रतिशतता के अनुसार विद्यार्थियों को वज़ीफ़ा दिया जाता है, जैसे कि अधिक प्रतिशतता वालों को अधिक वज़ीफ़ा। इस स्कीम के लागू होने से सरकारी बहु-तकनीकी कॉलेजों में दाखि़ल हुए लगभग 2900 विद्यार्थी 60 प्रतिशत से अधिक अंकों वाले हैं। जबकि साल 2016-17 में सरकारी बहु-तकनीकी कॉलेजों में 60 प्रतिशत से अधिक अंकों वाले केवल 1600 विद्यार्थी थे।

उन्होंने बताया कि चमकौर साहिब में स्किल यूनिवर्सिटी स्थापित की जा रही है, जिसके पहले चरण के अंतर्गत स्किल कालेज की स्थापना हेतु आई.के.जी. पी.टी.यू कपूरथला की तरफ से 120 करोड़ रुपए की मंजूरी दे दी है। लोक निर्माण विभाग की तरफ से इस काम का टैंडर जारी कर दिया गया है और इस साल में जंगी स्तर पर काम करके इस कालेज का निर्माण मुकम्मल कर दिया जायेगा।
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने बताया कि राज्य की औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं (आई.टी.आईज) की सीटें दुगनी की गई हैं क्योंकि आई.टी.आई. कोर्सों में दाखिलों के लिए बड़ी संख्या विद्यार्थी इच्छुक थे, जिनको दाखिला नहीं मिल रहा था। पिछले साल 70 हजार विद्यार्थियों ने सरकारी आई.टी.आईज. में दाखिले के लिये किया था, जिसमें से 47 हजार विद्यार्थियों को निराशा हुई। इस साल सीटों की संख्या बड़ा कर 37996 की गई, जो एक साल में 60 प्रतिशत विस्तार बनती है। राज्य सरकार की पहलकदमियों के लिए धन्यवाद करते हुये उन्होंने कहा कि इस साल कई गरीब विद्यार्थी सिर्फ 3400 रुपए की सरकारी फीस के साथ वोकेशनल निपुणता हासिल करने के योग्य होंगे। उन्होंने कहा कि विभाग ने बढिय़ा प्रदर्शन करने वालों का मनोबल बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। जिसमें प्रमुख सचिव, तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण की तरफ से सरकारी आई.टी.आईज. के 20 प्रमुखों को प्रशंसा पत्र दिए गए, जिन्होंने अपनी संस्थाओं का सामथ्र्य 50 प्रतिशत से बड़ा कर 100 प्रतिशत दाखिला यकीनी बनाया। इसी तरह अनुसूचित जाति विद्यार्थियों के दाखिले भी पिछले साल के 10979 से बढ़ कर इस साल 16646 पर पहुँचे।

मंत्री ने कहा कि औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं को उद्योगों के अनुसार बनाने के लिए आई.टी.आईज में ड्यूल सिस्टम ऑफ ट्रेनिंग (डी.एस.टी.) लागू किया गया। इस सिस्टम के अंतर्गत विद्यार्थी आई.टी.आई में 6 महीनों के लिए थ्यूरैटीकल ट्रेनिंग प्राप्त करते हैं और 6 महीनों के प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के लिए उद्योग में जाते हैं। इस साल डी.एस.टी. के अधीन 413 यूनिट चलाईं गई हैं और 8500 से अधिक विद्यार्थियों को लाभ होगा। इस स्कीम के अंतर्गत बहुत ही नामवर इंडस्ट्रीज जैसे कि हीरो साइकिल, ट्राइडेंट लिमटिड, एवन साईकलज, स्वराज इंजन लिमटिड, महिंदऊा एंड महिंदऊा, फेडरल मोगूल पटियाला, गोदरेज एंड बुआइस लिमटिड, मोहाली, इंटरनेशनल ट्रैक्टरज लिमटिड (सोनालिका) होशियारपुर, एन.एफ.एल बठिंडा के साथ समझौता किया है। हीरो यूटैकटिक इंडस्ट्री लुधियाना, पंजाब ऐलकलीज एंड कैमीकलज लिमटिड नंगल, लैक्मे इंडिया लिमटिड, होटल हयात, होटल ताज आदि के साथ समझौता किया गया है। दो साल पहले तक, लगभग आधे कोर्स स्टेट स्टेट कौंसिल फार वोकेशनल ट्रेनिंग (एससीवीटी) के साथ ऐफीलीएटिड हुए थे। उनके सर्टिफिकेट सिर्फ पंजाब राज में मान्यता प्राप्त थे। पिछले 15 महीनों के दौरान, हम इनको अपग्रेड करने और उनको नेशनल कौंसिल फार वोकेशनल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (एन.सी.वी.ई.टी.) के साथ ऐफीलीएट करवाए हैं। यह एन.सी.वी.ई.टी. सर्टिफिकेट न सिर्फ पूरे देश में, बल्कि पूरे विश्व के 160 देशों में मान्यता प्राप्त हैं। साल 2018 में सिर्फ 12750 विद्यार्थियों ने एनसीवीईटी सर्टिफिकेट प्राप्त किये, जबकि इस सैशन में 33635 एनसीवीईटी सर्टिफिकेट प्राप्त होंगे, जो 160 प्रतिशत से अधिक का विस्तार है।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सिंघपुरा, मलौद, आदमपुर और माणकपुर शरीफ में 4नयी आई.टी.आई. की शुरुआत की है। राज्य सरकार ने राज्य के विभिन्न स्थानों पर 19 नये आई.टी.आई. खोलने के लिए भी मंजूरी दे दी है। इन 19 आई.टी.आई में से 11 स्थानों पर सिवल काम शुरू कर दिए गए हैं और बाके स्थानों पर काम बहुत जल्द शुरू कर दिया जायेगा। रसूलपुर और त्रिपड़ी में लगभग 3 करोड़ रुपए की लागत से खेल स्टेडियम और त्रिपड़ी और आदमपुर में लगभग 15 करोड़ रुपए की लागत से आडीटोरियम भी बनाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि कोविड के दौरान विभाग की तरफ से मिशन फतेह के अंतर्गत, विभाग की विद्यार्थियों की तरफ से 20 लाख मास्क बनाऐ गए। मास्क बनाने के लिए लोगों की तरफ से कपड़ों का दान किया गया जो गरीबों और स्वास्थ्य कर्मचारियों को मुफ्त बाँटे गए। इससे कोविड के दौरान विद्यार्थियों को प्रभावशाली ढंग से ऑनलाइन शिक्षा दी गई। सिर्फ ट्रेनिंग मटीरियल देने की बजाय जूम एप पर आनलाइन क्लासों और लैक्चरों का प्रबंध किया गया।

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