जालंधर (द स्टैलर न्यूज़)। पिछले दिनों केन्द्रीय राज्य मंत्री विजय सांपला के परिवार पर आया संकट कट गया है, क्योंकि जिस युवती ने आरोपों की झड़ी लगाकर विजय सांपला के भतीजे आशू सांपला व अन्य पारिवारिक सदस्यों पर गहन आरोप जड़े थे वे अपने आरोप साबित करने में नाकाब साबित हुई है। एस.आई.टी. ने इस मामले की जांच के बाद रिपोर्ट जालंधर के पुलिस कमिशनर को सौंपते हुए मामले से पर्दा उठा दिया है तथा यह बात सामने आई है कि शिकायतकर्ता
एक भी आरोप को सिद्ध नहीं कर पाई तथा जिस गार्ड द्वारा उसे पहचाने जाने की बातें की जा रही थी उसने भी शिकायतकर्ता युवती को पहचानने से इंकार कर दिया।
शिकायतकर्ता ने पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाकर आशू सांपला पर शारीरिक शोषण करने और अन्य पारिवारिक सदस्यों पर मारपीट करने जैसे संगीन आरोप लगाए थे।
इस मामले की जांच के लिए एस.आई.टी. का गठन किया गया था। एस.आई.टी. ने जांच में पाया कि शिकायतकर्ता मिंटी अपने द्वारा लगाए गए आरोपों को सिद्ध करने में नाकाम रही वहीं एस.आई.टी. ने एक केस का हवाला भी दिया, जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि अगर आप बालिग हैं और अपनी सहमति से शारीरिक संबंध बनाते हैं तो उसे बलात्कार की श्रेणी में नहीं जोड़ा जा सकता। जानकारी अनुसार एस.आई.टी. ने जांच में पाया कि जिस रात की घटना का मिंटी ने जिक्र किया है वो उसके बाद भी अपनी मर्जी से मिलती रही।
मिंटी ने आरोप लगाया था कि 26 अप्रैल की रात को जब वह आशू सांपला के घर गई तो वहां पर आशू व उसके पारिवारक सदस्यों ने उसके साथ
मारपीट की थी। इसमें उसने विजय सांपला के बेटे साहिल सांपला के नाम से भी आरोप लगा दिए थे। पुलिस ने जांच में पाया कि मिंटी द्वारा बताई बातें झूठी निकली और उसके मोबाइल की लोकेशन भी उस इलाके की नहीं थी। जिससे मिंटी के आरोप बेबुनियाद साबित हुए। पुलिस ने इस मामले में अज्ञात लोगों पर मारपीट का मामला दर्ज किया है। एस.आई.टी. द्वारा जांच में सांपला परिवार को क्लीन चिट दिए जाने का पता चलते ही मिंटी पुलिस कमिशनर जालंधर पी.के. सिन्हा के घर के बाहर धरने पर बैठ गई थी। जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और उस पर 7/51 का मामला दर्ज कर लिया था।