होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़): डिप्टी कमिश्नर होशियारपुर जी के निर्देशानुसार तथा डॉ. हरबंस कौर डिप्टी मेडीकल कमिश्नर होशियारपुर जी के मार्गदर्शन में जिला नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र होशियारपुर के सौजन्य से इलाका सुन्दर नगर के आंगनबाड़ी केन्द्र में नशा मुक्त अभियान के तहत विशेष सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसमें काउंसलर चंदन,रजनी देवी तथा राजविंदर कौर ने जानकारी देते हुए कहा कि नशा एक मानसिक बीमारी है जो धीरे-धीरे बड़ों से बच्चों तक भी पहुंच रही है और खास तौर पर जिन बच्चों के मां-बाप घर में नशे का प्रयोग करते हैं ऐसे वातावरण का बच्चों के मानसिक विकास पर बेहद बुरा प्रभाव पड़ रहा है क्योंकि बच्चे जो देखते हैं वही सीखते हैं।
आज अगर हम नशे की बात करें तो गुटखा पान मसाला तंबाकू चैनी खैनी और शराब ऐसे नशे हैं जिनके बारे में छोटे बच्चे भी अनजान नहीं हैं घर घर पर यह छोटे नशे हावी हो रहे हैं और यही नशे आगे चलकर बड़े नशे का दरवाजा बन जाते हैं और बच्चे बड़े होते होते खतरनाक नशे को अपने जीवन में अपना लेते हैं जिनका इलाज तो है लेकिन बेहद लंबा और जटिल जिसकी वजह से परिवार और समाज बहुत ज्यादा चिंता और पीड़ा से गुजरते हैं । सरकारी सिहत संस्थानों में नि:शुल्क इलाज होता है, उन्होंने कहा कि नशामुक्ति केंद्र सिविल अस्पताल होशियारपुर में मनोचिकित्सक डॉ. राज कुमार, सिविल अस्पताल दसुहा में मनोचिकित्सक डॉ. सतबीर सिंह तथा डॉ हरजीत सिंह नशीली दवाओं की लत के रोगियों का इलाज करते हैं, उन्होंने कहा कि नशा एक लम्बा समय चलने वाली बीमारी है जो बार-बार हो जाती है।
नशा मुक्ती केंद्र में रोगी को 15-21 दिनों के लिए डिटॉक्सिफाई किया जाता है, उसके बाद कि मरीज को मोहल्ला फतेहगढ़ होशियारपुर के सरकारी पुनर्वास केंद्र में स्थानांतरित कर दिया जाता है,जहां रोगी को 90 दिनों तक रखा जाता है और इलाज किया जाता है इसके अलावा अगर कोई बिना दाखिल हुए भी नशा छोड़ना चाहता है तो पंजाब सरकार द्वारा नशा छोड़ने से संबंधित दवा और सलाह बिल्कुल मुफ्त दी जाती है इस मौके पर नशे में लिप्त परिवारों की समस्याएं सुन उन्हें सुविधाओं की ओर रेफर भी किया गया इस सेशन के उपरांत हाजिर हुए लोगों ने नशा मुक्ति पुनर्वास केंद्र होशियारपुर का उपस्थित लोगो ने बहुत-बहुत धन्यवाद किया और भविष्य में ऐसे सेमिनार करवाते रहने के लिए आग्रह भी किया।