दूसरों का भला करने से अपना भी होता है भला: माता सुदीक्षा

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: जतिंदर प्रिंस। भक्ति की कोई आयू नहीं होती अन्यथा कोई भी किसी भी आयू में भक्ति कर सकता है। मनुष्य तन हमें मिला है, कोई पता नहीं है स्वासों की माला कब टूट जाए इसलिए समय रहते इस निरंकार प्रभु को जानकार करके जीवन का असली उद्देश्य पूरा करे।

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उक्त बात निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने आस्ट्रेलिया के मेलबर्न में सत्संग के दैरान प्रकट किए। उन्होंने कहा कि अगर यह जानकारी मिल जाए कि हमारी आत्मा आई कहां से है और शरीर के खत्म होने के बाद यह आत्मा जाएगी कहां तो हमारा जीवन सफल हो सकता। हम दूसरों के लिए क्या कर सकती है उसका जीवन कैसे अच्छा बना सकते है तो हमें खुद को भी अच्छा लग सकता है। मिशन का सिद्धांत है कि सारा जगत ही अपना है नर सेवा ही नारायण की पूजा है।

उन्होंने कहा कि अगर हम अपने घर को ठीक रखेंगे तो ही समाज, देश को अच्छा बना सकते है। अगर समाजिक कुरीतियों से बचाना है तो इस निरंकार प्रभु से एकमिक हो जाए। उन्होंने कहा कि जब हम किसी का भला करते है तो हमारा अपने आप ही भला हो जाता है।

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