पुंछ में सेना की बड़ी पहल, विस्फोट-गोलीबारी में अपने अंग गंवाने वालों को मुफ्त दिए जाएंगे आर्टिफिशियल अंग

जम्मू/राजौरी (द स्टैलर न्यूज़),अनिल भारद्वाज। जम्मू कश्मीर में विस्फोट या गोलीबारी की घटनाएं अक्सर सामने आती रहती हैं, जिनमें कई नागरिक बुरी तरह प्रभावित होते हैं । इन घटनाओं में कई लोग जीवनभर के लिए अपने कई अंग भी गंवा देते हैं, वहीं कइयों को उपचार के लिए दूसरे बड़े शहरों या राज्यों में भी जाना पड़ता है, जो सबके लिए संभव नहीं हो पाता। इसी को देखते हुए भारतीय सेना ने सीमावर्ती पुंछ जिले में दिल्ली की एक गैर-सरकारी संस्था के साथ मिलकर इन पीड़ित लोगों के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। खदानों में होने वाले विस्फोट और सीमा पार से हुईं गोलीबारी में अपने अंग गंवाने वाले लोगों के लिए भारतीय सेना ने दिल्ली के एक एनजीओ के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में एक कृत्रिम अंग मापन शिविर लगाया है, जिसमें पीड़ित लोगों के लिए आर्टिफिशियल अंगों का मेजरमेंट फ्री में किया जा रहा है। एनजीओ के एक अधिकारी ने बताया हम लगभग 35 सालों से देश के अलग-अलग इलाकों में फ्री आर्टिफिशियल अंग देते हुए आए हैं।

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जब हम यहां बॉर्डर एरिया में आए , तब हमने देखा कि बम के धमाकों के साथ ही लोगों के कान तक फट जाते हैं। इसलिए हम सुनने की क्षमता सुधारने पर भी काम कर रहे हैं। इसी के साथ हम इसकी भी कोशिश कर रहे हैं कि हम पीड़ितों को जो आर्टिफिशियल हाथ देते हैं, वे ठीक से चीजों को पकड़ सकें और व्यक्ति के दूसरे हाथ की तरह ही काम कर सकें। शिविर लगाए जाने पर स्थानीय लोगों ने दिल्ली की इस एनजीओ का धन्यवाद करते हुए कहा पहले हमें इसके लिए दिल्ली या श्रीनगर जाना पड़ता था , जिसमें हमारा बहुत खर्चा होता था, लेकिन अब वही काम यहीं हो रहा है, जिससे हमें काफी राहत मिली सकती है।

मालूम हो कि जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान लगातार युद्धविराम उल्लंघन करता आया है। सीमा पार से होने वाली गोलीबारी और कभी-कभी खदानों में होने वाले विस्फोट के चलते यहां के घायल नागरिकों का जीवन मुश्किलों से भर जाता है। ऐसे में यहां के लोगों के लिए ये पहल काफी मददगार साबित हो सकती है। पुंछ में आयोजित इस शिविर में आसपास के जिलों से दिव्यांगों के साथ-साथ बारूदी सुरंगों की चपेट में आकर अपने अंग गंवा चुके सीमावर्ती क्षेत्रों के दिव्यांग ग्रामीणों को लाया जा रहा है और उनकी सुविधा के लिए उन्हें नकली अंग लगाए जा रहे हैं ।

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