अति दुखदायी: कच्चा आटा खाने को मजबूर हुए लोग, मदद का इंतजार

जम्मू/राजौरी (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: अनिल भारद्वाज। माहमारी यानी कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार व प्रशासन द्वारा कारगर कदम उठाए जाए जा रहे हैं। बेफजूल सडक़ों पर निकलने बाले लोगों के साथ सख्ती बरती जा रही है जो होनी भी चाहिए। पर उनलोगों का क्या जो राशन के लिए तरस रहे हैं। प्रशासन व सामाजिक कार्यकर्ता का फर्ज है कि वह गरीब लोगों की मदद के लिए आगे आएं। ताकि वह भी बिना भूखे पेट सो सकें। माहमारी की रोकथाम के लिए पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन किया गया। लोग इसका सख्ती से पालन भी कर रहे हैं। लोग मांगने बाले लोगों से भी परहेज कर रहे हैं। उन्हें दरबाजे पर हाथ नहीं रखने दिया जा रहा, लेकिन अब उनका क्या जो खुले आसमान के तले एक टाइम की रोटी की आस लगाए बैठे हैं। स्थानीय लोग इन बेसहारा लोगों को दरबाजे व गेट के साथ हाथ नहीं लगाने देते इनके पास जाकर उन्हें खाने के लिए कुछ देना तो बहुत दूर की बात, क्योंकि चाइना से निकला यह जानलेवा कोरोना वायरस से हर कोई घबराया हुआ है। उन लोगों का क्या जो मांग कर खाते थे और कुछ लोग दिहाड़ी लगाकर घर का पालन पोषण करते थे। राजौरी में ऐसे कईं परिवार हैं जिनका घर में कमाने वाला कोई नहीं और वे एक-एक रोटी को तरस रहे हैं।

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लाकडाउन के चलते संबंधित राज्यों व केंद्र शासित राज्य की लापरवाही के कारण आज लोग भर पेट खाना नहीं खा पा रहे हैं। जिसमें जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित राज्य का जिला राजौरी भी शामिल है। मजदूर, बेसहारा लोग खाली पेट सडक़ों पर बेबस होकर तड़प रहा है । शासन प्रशासन व ऊंची पहुंच रखने बाले बड़े लोगों के घर सब कुछ समय समय पर पहुंच रहा है।

पर जिला राजौरी में बैठे यह गरीब लोग एक वक्त के खाने को तरस रहे हैं। इस लाकडाउन में बड़े घरानों में पल रहे टॉमी ( डॉग) को पूरी डाइट मिल रही है। लेकिन जिला राजौरी में प्रशासन की अनदेखी के चलते कईं लोग एक वक्त के खाने को तरस रहे हैं । मांग कर लाया मु_ी भर कच्चा आटा पानी में उबालकर उसे खाने को मजबूर हैं कोई भी उन लोगों की मदद के लिए आगे नहीं आ रहा है प्रशासन और आम लोगों से मांग है कि वह इन गरीब लोगों की मदद के लिए आगे आएं सरकार की तरफ से जो भी सुविधा गरीब लोगों के लिए है। वह इन्हें जल्द से जारी की जाए। हमने देखा कि यह लोग कच्चा आटा उबाल कर पी रहे थे। पीछे से छोटे बच्चे ने धीरे से कहा हम कल भी खाली पेट सोए थे। मांगने पर भी कुछ नहीं दिया जा रहा। इन गरीब लोगों ने केंद्र सरकार व प्रशासन से मांग की है कि वह हमारी मदद करें।

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