राजौरी (द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: अनिल भारद्वाज। पीएचई विभाग के डेलीवेजरों ने लंबित मांगें पूरी नहीं होने पर प्रदेश सरकार व संबंधित अधिकारियों के खिलाफ रैली निकाल कर रोष प्रकट किया। इससे पहले पीएचई डिवीजन कार्यालय राजौरी के बाहर अस्थायी कर्मचारियों ने अर्धनग्न होकर प्रदेश व पीएचई आला अधिकारियों के खिलाफ जमकर रोष प्रकट किया। पीएचई विभाग में कार्यरत अस्थायी कर्मचारी रोष रैली निकालते हुए डीसी राजौरी से भी मिले और उन्हें मांगों का ज्ञापन सोंपा। और डीसी ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि आप लोगों की जायज मांगों व परेशानियों को आला अधिकारियों तक पहुँचाया जाएगा।
पीएचई यूनियन के बैनर तले आयोजित रैली में काफी संख्या में कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। पीएचई के एक्सईएन कार्यालय में धरना प्रदर्शन करने के बाद कर्मियों ने रोष रैली निकाल, पंजा चौक, सरकारी डाकबंगला मार्ग, माल मंडी से होते हुए जिला सचिवालय राजौरी पहुंचे। अस्थाई कर्मचारियों ने कहा कि 15-20 साल से डेलीवेजर सेवाएं दे रहे हैं। मगर वेतन के नाम पर हमारे साथ धोखा हो रहा है। पूर्व रही सरकारों ने भी हमारा खून चूसने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यूटी बनने पर आस लगी थी कि हमारी मांगें बिना समस्या व रोष प्रकट के पूरी होंगी, लेकिन नहीं।
पिछले कईं सालों से वेतन से महरूम रखा गया। महंगाई के दौर में इस स्थिति में परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल है। प्रदेश सरकार ने आजतक डेलीवेजरों को स्थाई करने की कोई ठोस नीति नहीं बनाई है। हम से 12 वोचर मांग रहे है हम कहाँ से दें यह काम पीएचई अधिकारियों का है।
डेलीवेजरों (अस्थायी कर्मचारियों) ने प्रदेश के उपराज्यपाल से गुहार लगाते हुए कहा कि जल्द मांगों को पूरा किया जाए नहीं तो उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि हक मांगते-मांगते एक अस्थायी कर्मचारी की बीते कुछ रोज पहले मौत हो गई थी जो हमारे साथ मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन हम लोगों की समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है जो सहन नहीं किया जाएगा।
-सरकार व उपराज्यपाल प्रशासन पीएचई कर्मियों के हक में ले जल्द फैसला: रणधीर सिंह
7 फरवरी से काम छोड़ हड़ताल कर रहे पीएचई अस्थाई कर्मियों द्वारा धरना प्रदर्शन लगातार जारी है। वहीं इन कर्मचारियों की हड़ताल के चलते क्षेत्र में पेयजल सप्लाई भी पूरी तरह ठप है और लोग पानी को परेशान हैं। वहीं, कर्मचारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी जायज मांगे पूरी नहीं होती तब तक धरना प्रदर्शन के साथ कलम छोड़ हड़ताल जारी रहेगी।
वहीं कर्मचारियों के समर्थन में उनकी सुध लेने कई नेता व सरपंच कर्मचारियों के पास पहुंचे और उन्हें समर्थन देने की बात कही। कर्मचारी यूनियन के नेता विश्वामित्र व अन्य कर्मचारियों को समर्थन देते हुए सामाजिक कार्यकर्ता रणधीर सिंह ने कहा कि आपकी मांगो का समर्थन करते हैं और सरकार उपराज्यपाल प्रशासन से यह गुहार लगाते हैं कि आप कर्मचारियों के हक में जल्द फैसला लेकर हड़ताल को स्थगित करवाएं ताकि आप काम पर लौटे और लोगों को पानी मिल सके। वहीं उन्होंने कहा कि कई कर्मचारियों को 20 से 25 साल विभाग में सेवा देते हो गए हैं और बड़े दुख की बात है कि कर्मचारियों को एक तो वेतन 6700 रुपए प्रतिमाह दिया जा रहा है दूसरा 57 माह से कर्मचारियों को वेतन भी जारी नहीं किया गया।
वहीं उन्होंने कहा कि पूर्व में रही सरकारों की इन कर्मचारियों के प्रति नीति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कर्मचारियों का शोषण किस तरह होता आया है। वहीं, ब्लॉक चेयरमैन बाबू खान, सरपंच तिलक राज आदि ने भी कर्मचारियों की मांगों को जायज ठहराते हुए उन्हें समर्थन दिया और कहा कि सरकार व राज्य प्रशासन से यही गुहार है कि जल्द आप कर्मचारियों की मांगे पूरी हो।