होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। योग साधन आश्रम होशियारपुर के तत्वाधान में मनाया जा रहा दो दिवसीय योग आचार्य सदगुरुदेव चमन लाल जी महाराज का 104 मा जन्मोत्सव महोत्सव आज श्रद्धा पूर्वक संपन्न हो गया। सरकार द्वारा जारी कोविड-19 की हिदायतों का पालन करते हुए देश विदेश में बैठे भक्तों ने हवन करके उन्हें अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। वर्चुअल सभा में भक्तों का मार्गदर्शन करते हुए आश्रम के आचार्य चंद्रमोहन अरोड़ा ने कहा कि भक्ति में वृद्धि हेतु हमें स्थिर प्रज्ञ होना जरूरी है। यदि हम प्रभु में ध्यान लगाना चाहते हैं तो अपने गुरु के साकार स्वरूप का ध्यान करें, यदि पूजा करनी है तो गुरु के चरणों की करें। गुरु के वचन ही वेदों का ज्ञान है तथा मोक्ष के लिए गुरु की प्रसन्नता एवं कृपा को प्राप्त करें। स्थिर प्रज्ञ बनने हेतु लंबा अभ्यास चाहिए तथा ज्ञान हृदय में अंकित हो। सुख वा दुख दोनों में समान रहे। सभी कार्य प्रभु को सामने रखकर करें। फल की इच्छा त्याग कर मात्र अपना कर्तव्य समझकर करें। ऐसा करने से हमें कर्मों का फल नहीं भोगना पड़ता। परंतु जब हम अच्छे व बुरे कर्म करते हैं तो उनसे सुख-दुख पैदा होते हैं। सुख-दुख से राग और द्वेष पैदा होते हैं।
इसी प्रकार यह चक्कर चलता है जो हमारी आत्मा को शरीरों में बांध के रखता है। हम इस भवसागर में 84 के चक्कर में पड़े रहते हैं, परंतु गुरु हमें ज्ञान द्वारा आत्मा में स्थिर करते हैं तथा सुख दुख में समान रहने की क्षमता प्रदान करते हैं। जिस से मोक्ष की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि जैसे सूर्य का अस्त होना तथा रात होने से हम इसलिए परेशान नहीं होते क्योंकि हमने इसे प्रकृति का नियम समझकर स्वीकार कर लिया है, इसी तरह यदि दुख सुख को भी प्रकृति का अटल नियम जानकर स्वीकार कर ले तो दुख कभी परेशान नहीं करेगा। दूसरा परिवार व अन्य जीवो से मोह वा वस्तुओं से राग भी हमारे दुखों का कारण है, यदि हम गुरु की शिक्षाओं को मन में मान कर पालन करें तो हम स्थिर प्रज्ञ बनकर सुखी जीवन जी सकते हैं। सद्गुरु कर्मों के बंधन को काटते रहते हैं, परंतु शिष्य का कभी अनिष्ट नहीं होने देते। इस मौके पर अमिता जी ने सद्गुरु जी की जीवनी पर कविता गाकर भक्तों को भावविभोर कर दिया।