होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। पूरे विश्व में किसानी एक मात्र सब से बड़ा व्यवसाय है। इसलिए सरकारें समय समय पर अपने राजनीतिक एजेंडे के अनुसार इसे लाभकारी धंधा बनाने का प्रयास करती रही हैं। भारत में भी किसानी के प्रफुल्लित करने के लिए सरकारों ने कई फैंसले लिए हैं, बेशक इन फैंसलों का सर्मथन व विरोध होता रहा है। उपरोक्त शब्द यूथ डिवैलपमैंट बोर्ड पंजाब के पूर्व चेयरमैन संजीव तलवाड़ ने आज अपने कार्यालय मेें आयोजित एक बैठक के दौरान अपने संबोधन में कहे। तलवाड़ ने कहा कि किसान अपने हित की बात कहीं रख सकें, उस के लिए किसान आयोग का गठन होना बहुत जरूरी है। उन्होने कहा कि किसान आयोग निष्पक्ष तरीके से कार्य कर किसानों को कृषि दवारा लाभ कैसे मिले, इस बात की चिन्ता कर सकता है। तलवाड़ ने कहा कि तीन किसानी बिलों के विरोध में उठी आवाजें इस बात का संकेत देती हैं कि इन बिलों में संशोधन होना बहुत जरूरी है।
उन्होने कहा कि समाज के सभी बुध्दिजीवी वर्गों ने शिक्षा पालिसी लाते समय जिस तरह अपने विचार दिए थे, उसी तरह इन तीन बिलों के संशोधनों पर भी अपने विचार रखें। इस मौके पर प्रदेश सरकार की किसानी आंदोलन के प्रति भूमिका की निंदा करते हुए तलवाड़ ने कहा कि किसान शुरू से ही इस आंदोलन की राजनीतिकरण नहीं चाहते थे, पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के कारण पंजाब की फिजा में जहर घोलने की कार्य किया है। उन्होने लोगों से अपील की कि वो आंदोलन की आड़ में राजनीति करने वाले लोगों से सुचेत रहें। इस अवसर पर भाजपा महिला मोर्चा पंजाब की प्रदेश उपाध्यक्ष नीति तलवाड, सुमित गुप्ता, मदन लाल सैनी, गुरमिंदर कौर लाडी, संदीप कौर, प्रवीण सौनी, लाडी मेहतपुरिया, भुपिंदर सिंह, राम प्रकाश, परषोत्तम शर्मा, अमरजीत सिंह ठरोली, रंजीव तलवाड़, राज कुमार, सुखविंदर सिंह, मंगत राम मंगी अदि भी उपस्थित थे।