जिले की मंडियों में इस सीजन 3,42,321 मीट्रिक टन गेहूं के खरीद की उम्मीद: जिलाधीश

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। डिप्टी कमिश्नर अपनीत रियात ने बताया कि वर्ष 2020-21 में जिले में गेहूं की बिजाई का रकबा 1,42,000 हैक्टेयर रहा है और इस वर्ष मंडियों में 3,42,321 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की उम्मीद है जो कि पिछले वर्ष के मुकाबले 31,120 मीट्रिक टन ज्यादा है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष मंडियों से 3,11,201 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई थी। उन्होंने कहा कि मंडियों में किसानों की फसल का दाना-दाना सरकार की ओर से खरीद जाएगा।

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उन्होंने कहा कि मंडियों में गेहूं की खरीद के लिए जिला प्रशासन की ओर से प्रबंध पूरे किए जा रहे हैं ताकि किसानों को मंडियों में फसल बेचने के दौरान किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े। उन्होंने बताया कि विश्व स्तर पर फैले कोरोना वायरस के कारण कारण गेहूं की कटाई व मंडीकरण का सीजन पिछले वर्ष की तरह रहने की संभावना है। उन्होंने किसानों को पंजाब सरकार व स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी हिदायतों का पालन यकीनी बनाने की अपील करते हुए कहा कि गेहूं की कटाई व मंडीकरण के कार्य में ज्यादा मजदूरों की जरुरत होने के कारण उनमें सामाजिक दूरी, साफ सफाई का ध्यान भी रखना होगा। यदि इन बातों का ध्यान रखा जाए तो गेहूं की कटाई व मंडियों में गेहूं के मंडीकरण में आने वाली मुश्किलों से बचा जा सकता है।

डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि 10 अप्रैल से मंडियों में गेहूं की सरकारी खरीद शुरु हो जाएगी और खरीद कार्य को सुचारु ढंग से संपन्न करवाने के लिए सभी दाना मंडियों में साफ सफाई का कार्य शुरु हो चुका है व मंडियों को सैनेटाइज भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि किसानों के पीने वाले पानी का प्रबंध भी कर लिया गया है व किसानों के मंडी में दाखिले के समय मास्क भी दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस वर्ष सरकार की ओर से गेहूं एम.एस.पी 1975 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है और पंजाब सरकार की पालिसी के मुताबिक बेची गई फसल की 72 घंटे में लिफ्टिंग व 48 घंटे में पेमेंट यकीनी बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि मंडियों में सरकार की एजेंसियों में पनग्रेन, मार्कफैड, पनसप, वेयर हाऊस कार्पोरेशन व एफ.सी.आई की ओर से खरीद की जाएगी।    

अपनीत रियात ने किसानों को गेहूं की नाड़ व अन्य फसलों के अवशेष को आग न लगाने की अपील करते हुए कहा कि आग लगाने से वातावरण के जीव-जंतु, नजदीक लगी फसल, सडक़ किनारे लगए पौधे व पेड़ों को नुकसान होने का डर रहता है। उन्होंने कहा कि आग लगाने से जहां वातावरण प्रदूषित होता है वहीं जमीन की उपजाऊ शक्ति भी कम होती है। इससे जमीन के मित्र कीड़े भी मर जाते हैं। उन्होंने जिले में कंबाइन मालिकों व आपरेटरों को भी गेहूं की कटाई सांय 7 बजे से सुबह 8 बजे के बीच न करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि आम तौर पर गेहूं की कटाई कंबाइनों से की जाती है व कंबाइन मालिक जमींदारों को फसल की कटाई के सही समय के बारे में जानकारी नहीं देते व रात के समय भी फसल की कटाई करते हैं। कई बार अनपकी व नमी वाली फसल की कटाई भी कर दी जाती है। ऐसी फसल को खरीदने के समय खरीद एजेंसियां गुरेज करती हैं, जिससे जमींदारों को काफी मुश्किल पेश आती है। उन्होंने किसानों को अपील करते हुए निर्धारित नमी वाला गेहूं ही मंडियों में लाने के लिए कहा है।

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