राजौरी को आजाद करवाने बाले शहीदों को किया याद

जम्मू/राजौरी (द स्टैलर न्यूज़), अनिल भारद्वाज। 1948 बैसाखी बाले दिन जम्मू कश्मीर के राजौरी सीमावर्ती क्षेत्र को कबाइलियों (पाकिस्तानी दहशतगर्दों) से मुक्त यानी आजाद कराने के लिए अपनी जान की आहूति देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि दी। आप को बतादें कि 26 अक्टूबर 1947 को महाराजा हरि सिंह ने राज्य का विलय भारत के साथ कर दिया। इसके ठीक एक दिन बाद 27 अक्टूबर 1947 को पाक ने कबाइलियों को जम्मू-कश्मीर में भेजकर कब्जा करने का प्रयास किया। कबाइलियों ने राजौरी में आते ही लोगों को मौत के घाट उतारना शुरू कर दिया।

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राजौरी इलाका 1947 को भी आजाद नहीं हुआ था वह अंग्रेजों के उपरांत पाकिस्तान के कब्जे में आ गया था जो 13 अप्रैल 1948 को पाकिस्तानी चुंगल से आजाद हुआ था।
राजौरी दिवस हर साल 13 अप्रैल को उन सैनिकों की बहादुरी और वीरता के लिए मनाया जाता है जिन्होंने सीमा पार से घुसपैठ करके आये कबायलियों और पाकिस्तानी सैनिकों के कब्जे से राजौरी को मुक्त कराने के लिए अपनी जान की आहूति दे दी। कबालियों ने राजौरी के तीस हजार से अधिक बच्चे बुजुर्गों से, महिलाओं , युवतियों , सभी को काट कर राजौरी की जमी को लाल कर दिया था। कई महिलाओं ने अपनी लड़कियों के इज्जत बचाने के लिए उन्हें खुद जहर दिया था और कबालियो के हाथ न चढ़े कुएं में छलांग लगा कर जान दी थी। 13 अप्रैल का सूरज राजौरी वासियों के लिए उजाला लाया था।

सेना के राजौरी पर कब्जा करने पर वैसाखी बाले राजौरी आजाद हुआ था। जिले के वीर सैनिकों और वीर जवानों की वीरता और शौर्य को याद करने के लिए, जिन्होंने राजौरी को विद्रोहियों से मुक्ति दिलाने के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी, जिन्होंने सीमा पार से घुसपैठ की थी, राजौरी दिवस का आयोजन ( एएलजी) एडवांस लैंडिंग ग्राउंड राजौरी में किया गया था। समारोह की शुरुआत सामान्य अधिकारी द्वारा 09 अप्रैल को सेना 25 डिविजन के शहीद सैनिकों के परिजनों के सम्मान में की गई, इस वर्ष के राजौरी दिवस को परिजनों के वर्ष के रूप में समर्पित करने के लिए की गई।

राजौरी की मुक्ति के लिए अपने प्रियजनों द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान का सम्मान करना। राजौरी दिवस के उपलक्ष्य पर सेना के स्टेशन कमांडर ब्रिगेडियर राहुल थपलियाल ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर एसएसपी राजौरी शीमा नवी ने भी शहीद नागरिकों व जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। समारोह की शुरुआत एक ऑनलाइन पेंटिंग प्रतियोगिता से हुई, जिसमें युवा छात्रों ने अपने घरों से इस में भाग लिया। छात्रों ने रचनात्मक और सोचा उत्तेजक चित्रों को अपनी कल्पना के बहुरूपदर्शक कागज की शीट पर लाकर प्रदर्शित किया। आजादी दिवस पर एएलजी मैदान में बाइक डेयरडेविलरी का प्रदर्शन, स्थानीय सेना इकाइयों द्वारा घुड़सवारी और डॉग शो के साथ-साथ पैरा मोटर्स टीम द्वारा वीरता और रोमांच का प्रदर्शन किया। इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ भी आयोजित किये गए।

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