अरोड़ा द्वारा अधिकारियों को बंद ऑक्सीजन प्लांटों को लायसेंस जारी करने की प्रक्रिया में तेज़ी लाने के निर्देश

चंडीगढ़, (द स्टैलर न्यूज़)। मैडीकल ऑक्सीजन सप्लाई को बढ़ाने के मद्देनजऱ पंजाब सरकार ने आज उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अधिकारियों को बंद पड़ीं ऑक्सीजन उत्पादन इकाईयों और अन्य मैडीकल सप्लाई इकाईयों की पहचान करने के लिए निर्देश दिए। इस सम्बन्धी विवरण देते हुए पंजाब उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली राज्य सरकार निर्विघ्न मैडीकल सप्लाई विशेष तौर पर मैडीकल ऑक्सीजन और टीकों की सप्लाई को यकीनी बनाने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही है। उद्योग मंत्री ने कहा कि अधिकारियों को उन्होंने उद्योगों की पहचान करने के निर्देश दिए हैं, जिनमें मैडीकल ऑक्सीजन का उत्पादन करने का सामथ्र्य है, परन्तु उत्पादन करने का लायसेंस नहीं है। सरकार इस दिशा में तेज़ी से काम कर रही है और जल्द से जल्द लायसेंस जारी करेगी।  उद्योगों को ऑक्सीजन सप्लाई बंद कर दी गई है और अब 98 प्रतिशत ऑक्सीजन का प्रयोग मैडीकल उपकरणों के लिए किया जा रहा है।

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उन्होंने ऑक्सीजन पर निर्भर कोविड-19 मरीज़ों की बढ़ रही संख्या को देखते हुए उचित मात्रा में ऑक्सीजन की उपलब्धता की ज़रूरत पर ज़ोर दिया और केंद्र से अपील की कि वह अन्य राज्यों से अपेक्षित सप्लाई को यकीनी बनाएं, क्योंकि हम दिल्ली और हिमाचल प्रदेश समेत अन्य राज्यों के मरीज़ों को भी इलाज मुहैया करवा रहे हैं।  कैबिनेट मंत्री ने आगे कहा कि उद्योग विभाग और विभिन्न औद्योगिक ऐसोसीएशनें ऑक्सीजन के उत्पादन को बढ़ाने के तरीकों की आलोचना भी कर रही हैं। उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा ने कहा कि यदि कोई प्लांट लगाना चाहता है तो विभाग इस मंतव्य के लिए ज़मीन की पहचान करने और प्लांट स्थापित करने के लिए मंज़ूरी लेने में सहायता करेगा। उन्होंने उद्योग को कॉर्पोरेट सामाजिक जि़म्मेदारी (सीएसआर) योजना के अंतर्गत मानवता को बचाने के लिए आगे आने की अपील की। उन्होंने सरकारी तेल फर्मों को देश में ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए तरल मैडीकल ऑक्सीजन ले जाने के लिए प्रेशर स्विंग ऐड्सोर्पशन (पीएसए) मैडीकल ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने और क्रायोजैनिक कंटेनर खरीदने की अपील की। कैबिनेट मंत्री ने यह भी बताया कि कुछ राज्यों की रिपोर्टों के अनुसार पुलिस समेत राज्य के अधिकारियों को ऑक्सीजन ले जाने वाले वाहनों की मुफ़्त यातायात को यकीनी बनाने के निर्देश दिए गए हैं, जबकि अस्पतालों ने ऑक्सीजन की इमरजेंसी सप्लाई के लिए अपील भी की है। जि़क्रयोग्य है कि राज्य में 15 एयर सैपरेशन इकाईयों (ए.एस.यू.) हैं, जो प्रतिदिन 60 से 65 टन ऑक्सीजन के उत्पादन का सामथ्र्य रखती हैं। कोविड से पहले औसतन ज़रूरत 50-60 टन प्रतिदिन थी, जोकि कोविड मामलों के बढऩे के कारण बढक़र 250 एम.टी. प्रतिदिन हो गई है।

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