प्रशासन ने बाल विवाह होने सम्बन्धित मिली शिकायत पर तुरंत की कार्यवाही

The Stellar News Logo

जालंधर, 21 मई 2021: 18 साल से छोटी आयु की लड़की का विवाह करना कानूनी अपराध है और यदि इस तरह करता कोई पाया जाता है तो उसे 2 साल की सज़ा और 1,00,000 रुपए का जुर्माना किया जा सकता है।

Advertisements

यह जानकारी ज़िला बाल सुरक्षा अधिकारी जालंधर श्री अजय भारती ने दी । उन्होनें बताया कि उनको बाल विवाह रोक एक्ट अधीन चाइल्ड लाईन 1098 पर किसी अनजान व्यक्ति की तरफ से जानकारी दी गई थी, कि डिविज़न नंबर 8 की सीमा में 15 वर्षीय लड़की का विवाह रखा गया है, इस सम्बन्धित सारी जानकारी उप मंडल मैजिस्ट्रेट जालंधर -1डा. जय इन्द्र सिंह जो कि बाल विवाह रोक एक्ट अधीन नोडल अधिकारी हैं, को उपलब्ध करवाई गई। उन्होनें बताया कि इस पर उप मंडल मैजिस्ट्रेट जालंधर -1डा.जै इन्द्र सिंह की तरफ से उनके सहित एक टीम जिसमें ज़िला प्रोग्राम अधिकारी गुरमिन्दर रंधावा जो कि बाल विवाह रोक एक्ट अधीन सहायक अधिकारी हैं, एस.एच.ओ. रवीन्द्र कुमार डिविज़न नंबर 8, महिला इंस्पैक्टर परमिन्दर कौर, लीगल -कम -प्रोबेशन अधिकारी सन्दीप कुमार, बाल सुरक्षा अधिकारी अमनीत कौर, हरनीत कौर और चाइल्ड लाईन के प्रतिनिधियों के साथ टीम का गठन किया गया, जिनकी तरफ से अवसर पर पहुँच कर कार्यवाही गई। उन्होनें बताया कि कार्यवाही दौरान पता लगा कि बच्ची की माता और अन्य रिश्तेदारों की तरफ से बच्ची का विवाह नहीं बल्कि रोका रखा गया था।

उन्होनें आगे बताया कि मौके पर लड़की, माता और दूसरे रिश्तेदारों के बयान लिए गए और उनको बाल विवाह रोक एक्ट -2006 की धाराओं जैसे कि 18 साल से छोटी लड़की का विवाह करना कानूनी अपराध है और यदि इस तरह करता कोई पाया जाता है तो 2साल तक की सजा और 100000 रुपए जुर्माना हो सकता है और बाल विवाह को बढावा देने वाले और बाल विवाह में शामिल होने वाले व्यक्तियों को 2साल की सज़ा और 100000 रुपए जुर्माना हो सकता है आदि के बारे में जानकारी दी गई। उन्होनें बताया कि यह अपराध ग़ैर ज़मानत योग्य है। उन्होनें बताया कि इस पर लड़की के परिवार की तरफ से उक्त एक्ट की पालना करने की सहमति अभिव्यक्ति गई।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here