होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। संयुक्त किसान मोर्चे के आवाहन पर शेरपुर गोलिंड, शेरपुर तथा खुसरोपुर तीनों गांवो की जनता ने संयुक्त रुप से केन्द्र की भाजपा की मोदी सरकार द्वारा कृषि तथा किसान विरोधी बिलों को रद्ध करवाने, बिजली संबंधी नए बिल रद्ध करवाने, लेवर अमेंडमेंट बिल तथा अन्य जन विरोधी बिल रद्ध करवाने के लिए तथा श्री मोदी की तानाशाही नीतियों के विरुद्ध घरों पर काले झंडे लगा कर काला दिवस मनाया तथा मोदी सरकार की तानाशाही नीतियों को बदलने के लिए मोदी की अर्थी बना कर कर तीनों गांवो की समूह जनता ने भारी संख्या में शामिल औरतें, बच्चे, नौजवान तथा बजुर्गों ने हाथों में काले झंडे पकड़ कर तीनों गांवो के आस पास जोरदार रोष मार्च किया। मार्च करते हुए जनता ने कृषि तथा किसान विरोधी बिल रद्ध करो, एम.एस.पी. सारे भारत में एक रुप में लागू करने, मज़दूर तथा बिजली संबंधी नये बिल रद्ध करने आदि के जोरदार नारों ने गांवों में गर्मजोशी का माहौल पैदा कर दिया तथा हर जगह लोगों का काफिला भारी संख्या में रोष मार्च में शामिल होता गया, जिससे रोष मार्च को जोरदार तथा भरपूर समर्थन मिला। भाजपा भगाओ! देश बचाओ! मोदी सरकार मुर्दाबाद! आह की होईया, मोदी मोया! के जोरदार नारों द्वारा जनता की आवाज़ केन्द्र सरकार तक पहुंचाने की भरपूर कोशिश की। मोदी सरकार ने 6 महीनों से चल रहे किसान आंदोलन पर चुप्पी साधी हुई है।सामाजिक संघर्ष पार्टी पंजाब के अध्यक्ष मास्टर महिंद्र सिंह हीर ने एक प्रैस विज्ञप्ति ज़ारी करते हुए बताया कि आज का संघर्ष मोदी सरकार के लिए एक चुनौती के रुप में देखा जाना चाहिए क्योंकि देश की 90 प्रतिशत जनता किसान आंदोलन के तले एक मज़बूत संगठन बना कर देश में आर.एस.एस. के एजंडे को भाजपा की केन्द्र सरकार के माध्यम से लागू नहीं होने देगी तथा ना ही आने वाले समय में आर.एस.एस. द्वारा भारत जैसे धर्मनिर्पेक्ष देश को हिन्दु राष्ट्र बनने देगी।
श्री हीर ने यह भी कहा कि भाजपा 2022 के चुनावों में दलित मुख्य मंत्री बनाने का दलित कार्ड खेल कर गांवों में घुसना चाहती है परन्तु आम जनता तथा विशेषकर अनुसूचित जाति के लोग भाजपा को गांवों में घुसने नहीं देंगे। इस अवसर पर सर्व श्री चरणजीत सिंह धामी (अकाली दल), केवल सिंह हीर (नैशनल सोशल ऐक्शन फ्रंट), मनिंदर सिंह (बी.एस.पी.), सुखदेव सिंह धामी (मुलाजिम नेता) दलीप कुमार, निहंग सिंह बाबा युवराज सिंह जी तथा अन्य नेताओं ने मोदी की किसान तथा जनता विरोधी नीतियों की सख्त आलोचना की। नेताओं ने कहा कि देश की जनता ने वोटें डाल के श्री मोदी को प्रधान मंत्री बनाया था जो आज तानाशाह बन कर उसी जनता के दुख दर्द सुनने को तैयार नहीं है। यह भारत के इतिहास में पहली बार हो रहा है जो कि लोकतन्त्र के लिए एक खतरे की घण्टी है।
श्री हीर ने यह भी बताया कि उपरोक्त नेताओं के अतिरिक्त सर्व सरपंच गुरबचन सिंह, सुखविन्द्र कौर, मीना देवी सरपंच, गुरदयाल सिंह बैंस सरपंच, निर्मला देवी, सुखविन्द्र कौर पंच, कंवलजीत सिंह पंच, बलराज सिंह, बॅबी, रणजीत कौर, भोली, परमिन्दर कौर, मनवीर कौर, ज्ञानी जोगिंद्र सिंह, तीर्थ सिंह, पुनीत धामी, हरविन्द्र सिंह, निर्मल सिंह, सोढी सिंह धामी तथा भारी संख्या में अन्य नेताओं ने इस रोष मार्च में भाग लिया। इसके पश्चात मोदी की बनाई हुई अर्थी को चरणजीत सिंह ने अग्नि दी तो उस समय क्या हुआ, मोदी मोया के नारों से आग के शोले दहकने लगे। अंत में पूर्व सरपंच तरनजीत सिंह ने आज के इस जबरदस्त रोष मार्च को प्रभावशाली बनाने के लिए समूह जनता का धन्यवाद करते हुए अगले संघर्ष के लिए तैयार रहेने की अपील की।