‘बुजुर्गों को समझें एवं उनके साथ होने वाले वित्तीय शोषण को समाप्त करें- कैप्टन रामपाल

होशियारपुर (द स्टैलर न्युज)।’संवाद सहयोगी दातारपुर–आज विश्वभर में बुजुर्गों की संख्या बढ़ रही है। बुजुर्गों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार की संख्या में भी बढ़ोत्तरी हो रही हैं। बुजुर्ग दुर्व्यवहार एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है।हैल्पेज इंडिया संस्था जो कमाही देवी के गांव बह चूहड में सुदामा मैहता अस्पताल में भी काम करती है के प्रबंधक कैप्टन रामपाल ने दैनिक जागरण को बताया कि साठ वर्ष की आयु एवं उससे अधिक आयु वर्ग के पंद्रह दशमलव सात प्रतिशत लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया गया था या पिछले वर्ष विश्वभर भर में लगभग छह में से एक बुजुर्ग व्यक्ति के साथ दुर्व्यवहार किया गया है।  

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 उन्होंने कहा कि बुजुर्ग दुर्व्यवहार में शारीरिक, यौन, मनोवैज्ञानिक व भावनात्मक दुर्व्यवहार; वित्तीय और भौतिक दुर्व्यवहार; उपेक्षा; तथा अस्मिता एवं सम्मान की गंभीर क्षति तथा मानव अधिकारों के उल्लंघन की श्रेणी में आने वाली विभिन्न प्रकार की हिंसा शामिल है।  संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 15 जून को विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस नामित किया है।उन्होंने कहा हैल्पेज इंडिया के द्वारा यह संपूर्ण विश्व में हमारे बुजुर्गों के प्रति होने वाले दुर्व्यवहार एवं कष्टों के विरुद्ध अपनी आवाज बुलंद करने के लिए जागरूक करने का दिवस है।  कैप्टन रामपाल ने कहा यह दिवस बुजुर्ग दुर्व्यवहार के संदर्भ में वित्तीय शोषण को रोकने के महत्व को भी दर्शाता है। बुजुर्गों को वृद्धावस्था में दुर्व्यवहार के सभी प्रकारों जैसे कि वित्तीय और भौतिक शोषण, जो कि गरीबी, भूख, आवासहीनता, ज़ोखिम स्वास्थ्य एवं तंदुरुस्ती तथा यहां तक कि समय से पहले मृत्यु दर के कारण से मुक्त होकर अस्मिता एवं सम्मान के साथ जीवन जीने का अधिकार है।

उन्होंने कहा कई जगह बेटे अपने माता-पिता के साथ बुरा सलूक करते हैं परन्तु एक सर्वेक्षण में पाया गया कि कई जगह बेटियों ने भी माता पिता के साथ दुर्व्यवहार किया जो चिंता का विषय है उन्होंने संस्था द्वारा जारी किए गए आंकड़ों का भी विवरण दिया।

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