अमरेन्द्र सिंह पंजाब के स्कूलों तथा कालेजों में संस्कृत पढ़ाने की रूपरेखा तैयार करने का आदेश दें: प्रोफेसर हर्ष मेहता

दातारपुर: अमरेन्द्र सिंह मुख्यमंत्री पंजाब, संस्कृत भाषा के प्रति क्यों उदासीन हो  पंजाब के स्कूल शिक्षा विभाग को आदेश दे रहे हैं कि “कि पंजाब के सरकारी स्कूलों में चीनी, अरबी,फ्रैंच भाषा पढ़ाने की रूपरेखा तैयार हो” संस्कृत की क्यों नहीं? मुख्यमंत्री के अपने शहर पटियाला का संस्कृत कालेज जो पटियाला नरेश नरेंद्र सिंह ने बनवाया था बंद हो चुका है। संस्कृत भारती पंजाब के अध्यक्ष एवं सेवानिवृत्त संस्कृत के प्रोफेसर हर्ष मेहता ने उक्त चर्चा करते हुए कहा कि पिछले 40 वर्षों में पंजाब में संस्कृत के 83 विद्यालय एवं महाविद्यालय बन्द कर दिए गए हैं।

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सरकारी कालेजों तथा स्कूलों में से संस्कृत के अध्यापकों के सेवानिवृत्त होने के पश्चात् संस्कृत अध्यापकों की भर्ती नहीं गई जिसके कारण सभी पोस्टें लगभग समाप्त कर दी गई हैं। जब स्कूलों तथा कालेजों में पढ़ाने वाले शिक्षक ही नहीं रहे तो संस्कृत पढ़ने के इच्छुक छात्रों को संस्कृत कौन पढ़ाएगा ? पंजाब में सरकार चाहे किसी भी पार्टी की रही हो किसी ने भी सभी भाषाओं की जननी मातृभाषा संस्कृत के संरक्षण तथा संवर्धन हेतु किंचित मात्र भी प्रयास नहीं किया। संस्कृतभारती, पंजाब के अध्यक्ष प्रोफेसर हर्ष मेहता ने कहा कि ऋग्वेदकाल से लेकर आज तक संस्कृत भाषा के माध्यम से सभी प्रकार के वाङ्मय का निर्माण होता आ रहा है। हिमालय से लेकर कन्याकुमारी के छोर तक किसी न किसी रूप में संस्कृत का अध्ययन अध्यापन अब तक हो रहा है। भारतीय संस्कृति और संस्कारों का माध्यम होकर भी यह भाषा अनेक दृष्टियों से धर्मनिरपेक्ष रही है। इस भाषा में धार्मिक, साहित्यिक, आध्यात्मिक, दार्शनिक, वैज्ञानिक, आयुर्वेद, नाट्यकला, वास्तुशास्त्र और मानविकी आदि प्राय: समस्त प्रकार के वाङ्मय की रचना हुई। संस्कृत भाषा का साहित्य अनेक अमूल्य ग्रंथरत्नों का सागर है, इतना समृद्ध साहित्य किसी भी दूसरी प्राचीन भाषा का नहीं है और न ही किसी अन्य भाषा की परम्परा अविच्छिन्न प्रवाह के रूप में इतने दीर्घ काल तक रहने पाई है। अति प्राचीन होने पर भी इस भाषा की सृजन-शक्ति कुण्ठित नहीं हुई ।

प्रोफेसर मेहता ने कहा कि ऋगवेद, अष्टाध्यायी सहित प्राचीन संस्कृत साहित्य के लेखकों का पंजाब की पवित्र भूमि से संबंध रहा है । संस्कृत भाषा पंजाबी भाषा सहित कई अन्य भाषाओं का मूल आधार है।  पंजाब में पंजाबी भाषा के विकास के लिए भी संस्कृत भाषा का संरक्षण व संवर्धन अत्यावश्यक है। संस्कृत और पंजाबी भाषा का प्राचीन काल से एक दूसरे के साथ बहुत ही निकट का संबंध है, जब पंजाब को संस्कृत भाषा का उद्गम स्थान माना जाता था तब पूरे विश्व से छात्र तक्षशिला विश्वविद्यालय में संस्कृत सीखने हेतु आते थे। प्रोफेसर महता ने मुख्यमंत्री पंजाब से अनुरोध किया है कि अपने परिवार की परम्परा को चिरजीवी रखने हेतु पंजाब शिक्षा विभाग को पंजाब के स्कूलों तथा कालेजों में संस्कृत पढ़ाने की रूपरेखा तैयार करने का आदेश दें।

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