केन्द्र सरकार के नेताओं के बेतुके बयान किसानों के ज़ख्मों पर नमक छिड़कने के समान: संघा

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। आज़ाद किसान कमेटी दोआबा होशियारपुर के जिला प्रधान हरबंस सिंह संघा ने सुतहरी रोड होशियारपुर पर रिलायंस के शोरुम के आगे धरने के 250 दिन गुज़र जाने के अवसर पर एक प्रैस विक्षप्ति जारी करते हुए कहा 26 जून 2021 को संयुक्त किसान मोर्चे की तरफ से दिल्ली बॉर्डर पर लगाए गए धरने के 7 महीने पूरे होने जा रहे हैं पर केन्द्र सरकार के नेताओं के बेतुके बयान किसानों के ज़ख्मों पर नमक छिड़कने के समान हैं। माननीय कृषि मन्त्री तोमर साहिब जी का बयान कि कानूनों को रद्ध करने के अतिरिक्त सरकार किसानों के साथ बातचीत करने को तैयार है जबकि किसान संगठनों ने स्पष्ट कर दिया है कि कानूनों को रद्ध करने तथा एम.एस.पी. को सही ढंग से लागू करने के अतिरिक्त कुछ भी स्वीकार्य नहीं है। 

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इस लिए 26 जून को दिल्ली बॉर्डर पर बैठे 7 महीने गुज़र जाने के पश्चात संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली के 32 संगठनों ने पंजाब के सभी किसानों, किसान हितेषी संगठनों के सदस्यों तथा मज़दूर संगठनों के सदस्यों को अपील की है कि 26 जून को मोहाली के गुरुद्वारा श्री अंब साहिब में सुबह 10 बजे इक्ठे हो कर एक ज़लूस की शक्ल में माननीय गर्वनर साहिब को एक मांगपत्र सौंपा जाए ताकि इस बोली सरकार के कानों पर जूं रेंग सके। मोदी सरकार गूंगी तो नहीं है क्योंकि भाजपा लीडर बयान बाजी करने में बहुत तेज हैं। 

आज भी भाजपा नेता और केन्द्रीय मन्त्री हरदीप पुरी ने एक बयान दिया है कि लोक राज में आंदोलन के लिए तो स्थान है पर अपराध के लिए नहीं। पर किसान पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि यह गतल काम केन्द्र सरकार किसानों के आंदोलन को फेल करने के लिए खुद ही करवाती है। किसान अगर इरादे का पक्का है तो साथ ही शांति का भी पुंज है। प्रधान हरबंस सिंह संघा ने दौबारा निवेदन करते हुए कहा कि मोहाली के गुरुद्वारा श्री अंब साहिब में अधिक से अधिक साथी इक्ठे हों ताकि सरकार को गर्वनर  के माध्यम से याद दिलाया जाये कि 7 महीनों से किसान तीनों काले कानूनों को रद्ध करवाने के लिए दिल्ली की सीमायों पर बैठे हैं। इस अवसर पर सुखपाल सिंह काहरी, दिलबाग सिंह काहरी, शाम सिंह मोना कलां, कुलभूषण प्रकाश सैनी, मंगत सिंह, शिव लाल, ज्ञान सिंह भलेठू, दिलबाग सिंह, बलबीर सिंह हुक्कड़ां, सतनाम सिंह बस्सी धर्मजीत तथा अश्वनी कुमार भी धरने पर उपस्थित थे। 

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