होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। आम आदमी को अपना घर बनाने के लिए अपने ही खेत, शहर, या गांव के पास बहती खड्ड से रेत उठाने के लिए सरकार द्वारा थोपे गये रेत माफिया के गुण्डो पर निर्भर क्यों रहना पड़ता है जबकि प्रकृतिक रेत पर पहला अधिकार शहर वासियों का होना चाहिए क्योंकि सरकार से ली जा रही सहूलतों के बदले में हर चीज़ का मूल्य टैक्स के रूप में अदा किया जा रहा है तो फिर प्रकृति द्वारा दी जा रही सहूलत पर सरकार द्वारा पैसा लेना कहां तक सही है।
इसलिए सरकार को चाहिए कि रेत माफिया से लोगों को राहत देने के लिए उससे संबंधित एक्ट में संशोधन करे, उक्त विचार नई सोच वैल्फेयर सोसायटी के संस्थापक अध्यक्ष श्री अशवनी गैंद ने एक मीटिंग दौरान सलाह मशवरा करके प्रधान मन्त्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमन्त्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह जी को पत्र लिखकर अपील की है कि इस पाप एवं धरती के चीरहरण को रोकने के लिए रेत को आम आदमी की ज़रूरत अनुसार इसे मुफ्त किया जाये और इस कार्य को सरकारी हाथों में ही रहने देना चाहिए। एक मामूली सा माईनिंग टैक्स 200 से 500/- रूपए प्रति ट्राली तक ही लगाना चाहिए ताकि निरीक्षण करने वाले माईनिंग विभाग का खर्चा निकाला जा सके। श्री गैंद ने कहा कि एक तरफ सरकारें लोगों को बिना पैसे के फ्री घर बना कर देने की बातें करती है तो दूसरी तरफ रेत 35-40 रूपए प्रति फीट तक बिकवा रही है।
उन्होंने कहा कि रेत प्राकृतिक स्त्रोत है तथा यह पैट्रौल या शराब नही है जिसका सरकार व्यापारिकरण करे। इसलिए सरकार को रेत व मिट्टी से जुड़े एक्ट में संशोधन करके आम लोगों को इसकी उपलब्धता कम रेट पर करवाई जाये। इस अवसर पर पूर्व पार्षद सुरेश भाटिया, दर्पण गुप्ता, अमन सेठी, करण कपूर, लक्की भाटिया, अवतार सिंह, अर्शदीप भुल्लर, राजेश शर्मा, रवि कुमार, राकेश कुमार आदि शामिल हुये।