ससुराल के जुल्मों की शिकार इंसाफ के लिए दर-दर भटक रही परमजीत कौर, एस.एस.पी से न्याय की गुहार

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। सरकार की तरफ से हमेशा दावे किये जाते हैं बेटी बचाओ और उस बेटी के सम्मान के लिए अनेकों स्कीमें भी चलाईं गई हैं और बेटी की सुरक्षा के लिए सख्त से सख्त कानून होने का भी पाठ पढ़ाया जाता है, परंतु जब कानून को लागू करने वाले ही कानून अपने हाथों में ले कर कानून का मजाक उड़ाते लगे तो फिर बेटियों व उनके अभिभावकों का तो ईश्वर ही रक्षक है। गरीब की बेटी जिस का मां-बाप सिर पर ना हो उस का कोई सम्मान नहीं करता, पहले उस के ससुराल परिवार की तरफ से उस के साथ धक्केशाही और मारपीट की जाती है फिर थानों में आ कर उस के साथ भेदभाव और परेशानी की जाती है। वह भी इस करके क्योंकि उस का ससुर और देवर पंजाब पुलिस के मुलाजिम हैं, यहाँ आ कर पता लगता है कि बेटी के सत्कार के लिए बनाईं स्कीमों और उस पर खर्चा करोड़ों रुपए धरे धराए रह जाते है और सरकारों के दावे खोखले साबित होते हैं।

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यह दुख भरी कहानी एक जुल्मों की शिकार परमजीत कौर निवासी बस्सी ख्वाजू की है जिसने बेगमपुरा टाइगर फोर्स के अधिकारियों के पास अपना दुखड़ा रोते हुए बताया कि कैसे उस के ससुर परिवार ने दहेज की मांग को ले कर क्लेश शुरू किया और उस की ननद, ननदोई, ससुर और देवर ने उस पर हमला कर कर उस की बाजू पर दातर मार कर जख़्मी किया तथा जाति सूचक गालीयां भी निकालीं। परमजीत कौर ने बताया कि उसके पति ने सिविल अस्पताल जालंधर दाखिल करवाया और उसका इलाज करवाया। उस के बाद क्लेश कारण वह अपने माता पिता के घर होशियारपुर में आ गई। होशियारपुर एसएसपी को इस संबंधी दरखास्त नंबर 3525 पीडी दी जोकि महिला थाना में संजीव कुमार को मार्क हुई। परमजीत कौर ने बताया कि उसे संजीव कुमार ए एस आई की तरफ से थाने में कई बार बुलाया और वह उपस्थित हुई अपना पक्ष रखा। वह संजीव कुमार ए एस आई को अपने साथ जो धक्केशाही हुई उस सब कुछ बताया और मांग की कि उसके ससुर परिवार को बुलाकर कौंसलिंग करवाई जाए। परंतु एएसआई संजीव कुमार ने उसके बार-बार कहने के बावजूद हमारी दोनों पक्षों की एक बार भी कौंसलिंग नहीं करवाई। संजीव कुमार ने ससुर परिवार का पक्ष में बात करते हुए कहा कि वह निर्दोष हैं और अपने बयान दे चुके हैं। इस करके कौंसलिंग करवाई जा सकती।

यह कहते हुए संजीव कुमार ने उन के पक्ष में दी हुई दरखास्त को बंद कर दिया। इस में महिला थाना की इंचार्ज मैडम हरप्रीत कौर ने भी उसके ससूराल के परिवार का पूरा साथ दिया। उस के बाद उसकी तरफ से भेजी एक ओर दरखास्त नंबर डीजीपी पंजाब से मार्क हो कर डी एस पी सतीन्द्र चड्डा के पास गई उसे परवाना मिलने पर वह डी.एस.पी. साहब के पास पेश हुई और अपना सारा दुख बताया। वहाँ भी उसने डी.एस.पी. दोनों पक्षों की कौंसलिंग करवाने के लिए बार बार कहा। परंतु उन्हों ने भी उसकी कोई सुनवाई न करते हुए उसके दफ़्तरी चक्कर लगवाए। डी.एस.पी. चड्डा का कहना था कि इस में सरकारी वकील से सलाह ली जाएगी। इस पर हम इस के साथ वाले केस बारे उसे बताया कि थाना माडल टाऊन में पहले भी इसी तरह केस में एफ आई आर दर्ज की जा चुकी है परंतु डी एस पी सतिंदर चड्ढा की तरफ से बतायी हुई एफआईआर को पढऩे के बावजूद भी इस को यह कह कर फाइल कर दिया कि डी ए लीगल की सलाह के मुताबिक यह मामला नहीं बनता। इस करके उसे फाइल किया जाता है। परमजीत ने रोते हुए बताया कि उसके साथ उसके ससुराल परिवार ने तो धक्का किया ही था इस के साथ संजीव कुमार ए.एस.आई, व डी.एस.पी. चड्डा चड्ढा ने भी उसके साथ और ज्यादा धक्का किया। अब द्वारा वह फिर एसएसपी के पास दरखास्त दी है जो डी.एस.पी प्रेम सिंह को मार्क हुई वह डी.एस.पी प्रेम सिंह के पास पाँच बारी हाजिरी लगाई है परंतु उसके ससुर परिवार को एक बार भी उसके साथ कौंसलिंग नहीं करवाई गई । परमजीत ने बताया कि उसके बाद उसका देवर तथा उसका ससुर जो पुलिस मुलाजिम हैं वह अपनी पहुंच करके चले जाते हैं।

उस ने बताया कि वह एक दरखास्त संजीव कुमार खिलाफ डीजीपी साहब को भेजी थी जो कि डीएसपी प्रेम सिंह को मार्क हुई है, परंतु संजीव कुमार के साथ भी डी.एस.पी प्रेम सिंह ने एक बार भी उस संबंधी कार्यवाही नहीं की। परमजीत कौर की दुख भरी सारी बात सुन कर बेगमपुरा टाइगर फोर्स के अधिकारियों ने कहा कि इस तरह की परेशानियाँ लड़कियाँ को आम तौर पर महिला थानों में आ रही है। परमजीत कौर की तरफ से अब पंजाब सरकार, डी जी पी पंजाब, एसएसपी होशियारपुर और मंत्री शाम सुंदर अरोड़ा से अपील की कि इस की तरफ तुरंत ध्यान दिया जाये। लडक़ी की तरफ से संजीव कुमार, महिला थाने की इंस्पैक्टर हरप्रीत कौर पर लगाए दोषों की पड़ताल की जाये और उस के ससुर परिवार खिलाफ एफ आई आर तुरंत दर्ज की जाये । नेताओं ने दोष लगाते हुए कहा कि ससुराल परिवार में से दो मैंबर पुलिस में हैं जो कि अपनी जान पहचान निकाल कर पर्चा होने से रुकवा लेते हैं। उन्होंने यह यह पी होशियारपुर से पूछा कि यदि पुलिस अधिकारी अपनी बहु और अत्याचार करते हैं जिससे वह सजा से बच जाते हैं। लडक़ी का देवर अपने आप को किसी एस.एस.पी का रीडर और कभी किसी बड़े अधिकारी का पीए बताता है।

उन्होंने कहा कि लडक़ी पर हुए हमलो की कटी हुई एम एल आर के साथ लगा कर एससीएसटी एक्ट और धारा 498, 406 व 424 के अलावा महिला की लज्जा भंग करने की धारा भी लगाई जाए और इंसाफ दिलाया जाए। इस संबंधी जब पक्ष जानने के लिए Þडी.एसपी प्रेम सिंह के साथ उन के फोन और बात की तो पहले तो उन्होंने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि यह मामला जालंधर से संबंधित है । जालंधर थाने में ही पर्चा दर्ज होगा। जब उनसे यह पुछा कि परमजीत कौर की तरफ से दी गई अन्य शिकायतों जिसमें दहेज, मारपीट की शिकायत है, उस पर कोई कारवाई की है तो उन्होंने कहा कि अभी जांच चल रही है। उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है। इस संबंध में जब महिला थाना के एएसआई. संजीव कुमार से बातचीत की तो महिला थाना इंचार्ज मैडम हरप्रीत कौर ने दोनों पक्षों को बैठाकर कर बातचीत सुनी है, परन्तु जब यह पूछा कि परमजीत कौर का अरोप है कि हमारी एक बार भी कोंसलिंग नहीं करवाई तो उन्होंने परमजीत कौर की बात को सिरे से नकार दिया। अंत में परमजीत कौर ने कहा कि अगर उसको अभी भी कोई इंसाफ ना मिला तो वह हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर होंगी।

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