होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। शादी का झांसा देकर नाबालिग युवती को गर्भवती बनाने और बाद में शादी से इंकार करने वाला भले ही आज सलाखों के पीछे हो, मगर नाबालिग की कोख से 15 दिन पहले ही 5 नवंबर को सामान्य डिलीवरी से पैदा हुई बच्ची को सिविल अस्पताल में डी.एन.ए. टैस्ट के लिए सैंपल देने के लिए लाया गया था और उसका मासूम चेहरा समाज व परिवार से कई सवाल करता नजऱ आ रहा था। मगर, शायद उसके मासूम चेहरे से उठते सवालों का जवाब किसी के पास नहीं था। अपना और पिता का नाम पाने के लिए उसे जिस प्रकार पैदा होते ही संघर्ष से जूझना पड़ रहा है उससे एक बात तो साफ है कि कि हवस के पुजारियों को जिनता कठोर दंड दिया जाए उतना कम है।
-माननीय अदालत के आदेशों पर आरोपी और नवजात को लाया गया था सिविल अस्पताल, डा. जसविंदर सिंह ने लिए सैंपल-
जांच अधिकारी अक्षपाद गौतम थाना बुल्लोवाल ने बताया कि माननीय अदालत के आदेशों पर आरोपी को टैस्ट के लिए लाया गया था तथा डाक्टर द्वारा टैस्ट लेने उपरांत उसे खरड़ लैब में भेजा जाएगा। रिपोर्ट आने उपरांत माननीय अदालत के आदेशों पर अगली कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल में डाक्टर जसविंदर सिंह ने सैंपल लिए।
गौरतलब है कि थाना बुल्लोवाल के तहत पड़ते गांव हरदोखानपुर निवासी एक नाबालिग लडक़ी ने 22 अगस्त 2017 को शिकायत दर्ज करवाई थी कि गांव में ही हलवाई की दुकान करने वाले एक युवक ने उसके साथ कई बार जबरदस्ती दुष्कर्म किया था। पीडि़ता ने बताया था कि उसने लडक़े को जब शादी के लिए कहा तो वह टाल मटोल करता रहा और जब उसे गर्भ ठहर गया तो वह उसे गिराने के लिए जोर डालने लगा। मगर, गर्भ 7 माह का हो जाने के कारण काफी देरी हो चुकी थी। इस दौरान पीडि़ता के परिवार ने लडक़े के परिजनों से भी बात की थी, मगर आरोपी ने उन्हें धमकियां देनी शुरु कर दी थी। पुलिस ने शिकायत के बाद जांच करते हुए आरोपी अजमेर सिंह पुत्र बलदेव राज (मूल निवासी गांव सनाल, जिला ऊना, हिमाचल प्रदेश) जोकि हरदोखानपुर में हलवाई की दुकान करता है को गिरफ्तार कर लिया था।
इस उपरांत 5 नवंबर 2017 को नाबालिगा की सिविल अस्पताल में ही नार्मल डिलीवरी हुई थी और उसने एक स्वस्थ्य बच्ची को जन्म दिया था। मामला अदालत में होने के चलते माननीय अदालत ने आरोपी और नवजात बच्ची के डी.एन.ए. टैस्ट के आदेश जारी किए थे, जिसके तहत जहां परिजन बच्ची को लेकर अस्पताल आए थे वहीं पुलिस आरोपी को लेकर पहुंची थी।