कैबिनेट द्वारा पी.एस.सी.एफ.सी. और बैकफिनको के कर्जदारों को 62.46 करोड़ रुपए की कर्ज राहत को मंज़ूरी

Punjab, June 29 (ANI): Punjab Chief Minister Captain Amarinder Singh speaks over COVID19 issue, in Chandigarh on Monday. (ANI Photo)

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब कैबिनेट की तरफ से गुरूवार को पंजाब अनुसूचित जाति भू विकास और वित्त निगम (पी.एस.सी.एफ.सी.) और पंजाब पिछड़ी श्रेणियां भू विकास और वित्त निगम (बैकफिनको) से कर्ज लेने वाले कर्जदारों को 50,000 रुपए प्रति कर्ज राहत देने को मंज़ूरी दे दी। एक सरकारी प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग के बाद जानकारी देते हुये बताया कि गऱीब वर्ग समर्थकीय इस पहलकदमी से अनुसूचित जातियों, दिव्यांग पिछड़ी श्रेणियों, आर्थिक तौर पर कमज़ोर वर्गों और अल्संख्यकों से सबंधित कजऱ्दारों को लाभ पहुँचेगा। इस मीटिंग के दौरान कैबिनेट मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने इस फ़ैसले और हाल ही के दौरान भूमि रहित किसानों और खेत मज़दूरों को दी कर्ज राहत की सराहना की।

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इस फ़ैसले के अंतर्गत कुल मिला कर 62.46 करोड़ रुपए रकम की कजऱ् राहत दी गई है जो कि 31 मार्च, 2021 तक दिए गए कर्जों पर लागू होगी और माफ की गई कजऱ् रकम 30 जून, 2021 को निर्धारित की जायेगी। इस हिसाब से पी.एस.सी.एफ.सी. के कर्जदारों को 41.48 करोड़ रुपए और बैकफिनको के कर्जदारों को 20.98 करोड़ रुपए की कर्ज राहत मिलेगी। मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि इस स्कीम के अंतर्गत कुल मिला कर 14853 कर्जदारों (10151 कजऱ्दार पी.एस.सी.एफ.सी. के और 4702 कर्जदार बैकफिनको के) को लाभ मिलेगा।माफ की गई रकम का भार राज्य सरकार सहन करेगी और यह रकम दोनों निगमों को ग्रांट इन एड के तौर पर जारी की जायेगी।

गौरतलब है कि पी.एस.सी.एफ.सी. की तरफ से गऱीब वर्ग से सबंधित अनुसूचित जातियों और दिव्यांग व्यक्तियों को मामूली ब्याज पर स्वै-रोजग़ार बैकफिनको की तरफ से पिछड़ी श्रेणियों, अल्पसंख्यकों और समाज के आर्थिक तौर पर कमज़ोर वर्गों के गऱीब व्यक्तियों को स्वै-रोजग़ार के लिए मामूली ब्याज पर कजऱ्े दिये जाते हैं। पी.एस.सी.एफ.सी. की तरफ से दिए गए कर्जों की वसूली दर 77 प्रतिशत जबकि बैकफिनको की तरफ से दिये कर्जों की वसूली दर 65 प्रतिशत है। भरपूर कोशिशों करने के बावजूद भी कई कारणों जैसे कि व्यापार में कमी, कजऱ्दार की मौत, कजऱ्दार या उसके किसी अन्य परिवारिक मैंबर को घातक बीमारी या कुदरती आपदाओं के कारण वसूली की दर में सुधार नहीं हो सका। इसके इलावा कोविड -19 के कारण भी कर्जदारों की आमदन पर प्रभाव पड़ा।

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