केंद्रीय टीम ने गांव लांबड़ा में बायो गैस प्लांट व वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का किया दौरा

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण( एस.बी.एम.जी) की केंद्रीय टीम ने देश की आजादी के 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आजादी के अमृत महोत्सव के जश्न के बीच गांव लांबड़ा में बायोगैस प्लांट व वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का दौरा किया। टीम में संयुक्त डायरेक्टर एस.बी.एम.(जी) करनजीत सिंह, एस.डब्लयू.एम सलाहकार अयाम मजूमदार ने गांव लांबड़ा का दौरा कर बायोगैस प्रोजैक्ट व स्लरी मैनेजमेंट के लिए अपनाई गई विधि का अध्ययन किया।

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बहुउद्दशीय लांबड़ा सहकारी सोसायटी के प्रोजैक्ट मैनेजर जसविंदर सिंह ने बायोगैस प्लांट व गांव वासियों के लिए इसकी उपयोगिता के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि यह प्रोजैक्ट संशोधित पी.ए.यू. जनता माडल बायोगैस तकनीक पर आधारित है। उन्होंने बताया कि इस बायो गैस प्लांट की क्षमता 100 घन प्रति दिन है व जून 2016 में इसे चालू किया गया था। वर्तमान में 46 घरेलू बायोगैस कनेक्शन चालू हैं और करीब 2500 किलोग्राम पशु गोबर प्रतिदिन एकत्र किया जाता है। उन्होंने बताया कि गांव से गोबर एकत्र किया जाता है और इलेक्ट्रानिक तोल पैमाने पर तोला जाता है, रीडिंग को सोसायटी के मोबाइल एप्लीकेशन पर दर्ज किया जाता है। बायो गैस की आपूर्ति ओवरहेड आपूर्ति पाइपलाइन के माध्यम से घरों में की जाती है। जसविंदर सिंह ने बताया कि गांव लांबड़ा के एक घर के लिए बायोगैस, एल.पी.जी से करीब तीन गुणा सस्ती हो गई है। उन्होंने बताया कि सोसायटी की ओर से सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल लांबड़ा को विद्यार्थियों के मिड डे मील के लिए भी बायोगैस प्रदान की जा रही है।
  बायोगैस प्लांट से निकलने वाले घोल की आपूर्ति सोसायटी की ओर से टैंकर के माध्यम से उपभोक्ता के खेत में की जाती है। उन्होंने बताया कि 600 रुपए प्रति टैंकर(5000 लीटर) उन सदस्यों से वसूले जाते हैं जो पशुओं के गोबर की सप्लाई करते हैं व अन्यों से जो पशुओं के गोबर की सप्लाई नहीं करते उनसे  800 रुपए प्रति टैंकर(5000 लीटर) चार्ज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि चार गांवों लांबड़ा, कांगड़ी, ददियाना कलां व बग्गेवाल के सभी घरों को कवर करने का प्रयास किया जा रहा है। केंद्रीय टीम ने गांव के वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का भी दौरा किया। गांव का वेस्ट वाटर ड्रेनेज चैनल के माध्यम से प्लांट में जाता है व फ्लाई एश पर आधारित ट्रीटमेंट तकनीक का प्रयोग कर इसको ट्रीट किया जाता है। इस प्लांट में 4 लाख लीटर पानी के स्टोरेज की क्षमता है व यह सौर ऊर्जा के प्रयोग से काम करता है। इसके बाद ट्रीट किया पानी सिंचाई के उद्देश्य के लिए प्रयोग किया जाता है।
करनजीत सिंह ने सोसायटी की ओर से किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की व अन्य गांवों में भी ऐसे समाज आधारित माडलों को दोहराने का सुझाव दिया।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सफल प्रोजैक्टों के लिए व्यवहारिक परिवर्तन गतिविधियों व सफल परियोजनाओं के लिए एक्सपोजर दौरे ओ.डी.एफ प्लस गांव के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मार्ग प्रशस्त करेंगे, जिससे गांव का वातावरण साफ व प्रदूषण मुक्त होगा। इस दौरान कार्यकारी इंजीनियर अश्वनी कुमार मट्टू, सर्बजीत सिंह एस.डी.ई(सैनिटेशन), विकास सैनी, उप मंडल इंजीनियकर विकास सैनी, जूनियर इंजीनियर व ए.डी.एस.ओ. नवनीत कुमार जिंदल भी उपस्थित थे।

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