नकोदर (जालंधर),(द स्टैलर न्यूज़)। ज़िले में पराली जलाने के रुझान को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा किये जा प्रयासों में तेज़ी लाते हुए डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने आज ब्लाक स्तर पर पंचायतों, कस्टम हायरिंग सैंटरो और पराली प्रबंधन के तरीकों का प्रयोग करने वाले व्यक्तिगत किसानों के लिए नकद इनामों का ऐलान किया। नकोदर के बीढ़ गाँव में किसानों के साथ बातचीत दौरान डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि पराली जलाने के रुझान को छोड़ने के लिए प्रशासन की तरफ से प्रति विकास ब्लाक पंचायतों को 50,000 रुपए, कस्टम हायरिंग सैंटरो को 20,000 रुपए और व्यक्तिगत किसानों को 11,000 रुपए के नकद इनाम के साथ सम्मानित किया जायेगा।
डिप्टी कमिश्नर की तरफ से बीड़ गाँव में ग्रीन पलैनैट्ट एनर्जी के बिजली उत्पादन प्लांट का भी दौरा भी किया गया, जहाँ पराली का प्रयोग कर बिजली पैदा की जाती है। मैनेजमेंट ने डिप्टी कमिश्नर को अवगत करवाया कि उनको प्लांट के लिए प्रति साल 75,000 टन पराली की ज़रूरत है, जो कि एक्स -सीटू तकनीक के द्वारा 30,000 एकड़ क्षेत्रफल का प्रबंधन कर सकता है। इस समागम में लगभग 80 प्रगतिशील किसानों ने हिस्सा लिया, जहाँ श्री थोरी ने उनको फसलों के अवशेष का प्रभावी ढंग के साथ प्रबंधन करने की अपील की ,जिससे जालंधर ज़िले में ज़ीरो बर्निंग के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।
डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि धान की पराली को जलाने के कारण मिट्टी के कई पौष्टिक तत्व नष्ट हो जाते है,जबकि यदि पराली की अवशेष को मिट्टी में मिला दिया जाये तो मिट्टी की उपजाऊ शक्ति में सुधार होता है। उन्होंने आगे कहा कि पराली को आग लाने कारण पैदा होने वाला धुआँ लोगों विशेष कर अस्थमा के मरीज़ों के स्वास्थ्य को और ख़राब करता है।
मुख्य कृषि अधिकारी डा.सुरिन्दर सिंह ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि विभाग की तरफ से पराली जलाने की समस्या को ख़त्म करने के लिए विशेष जागरूकता कैंपों, मोबाइल वैन के द्वारा अभियान, बाल पेंटिंग, खेत प्रदर्शनियो और स्कूलों के द्वारा किसानों को जागरूक करने के लिए कई प्रयास किये जा रहे है। इस अवसर पर दूसरो के इलावा ऐस.डी.ऐम. नकोदर पूनम सिंह, तहसीलदार प्रदीप कुमार, कृषि अधिकारी डा. नरेश गुलाटी, ब्लाक इंचार्ज डा. यशवंत राय और कृषि अधिकारी नवदीप सिंह शामिल थे।