पेगासस जासूसी मामले में केंद्र सरकार को फटकार, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देने पर हर बार छूट नहीं मिलेगी

नई दिल्ली (द स्टैलर न्यूज़)। पेगासस जासूसी मामले की जांच करवाने की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया और केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाया। अदालत ने जांच के लिए एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया है, जो सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस आर वी रवींद्रन की अध्यक्षता में काम करेगी। इस कमेटी से कहा गया है कि पेगासस से जुड़े आरोपों की तेजी से जांच कर रिपोर्ट सौंपे। अब 8 हफ्ते बाद फिर इस मामले में सुनवाई की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने उस अर्जी को खारिज कर दिया है, जिसमें सरकार ने अपना एक्सपर्ट पैनल बनाने की मांग की थी। कोर्ट ने कहा है कि सरकार द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा की सिर्फ बात करने से अदालत मूकदर्शक नहीं बनी रह सकती। राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा उठाने पर सरकार को हर बार छूट नहीं दी जा सकती। अदालत ने यह कमेंट इसलिए किया, क्योंकि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर एफिडेविट में ज्यादा डिटेल देने से इनकार कर दिया था।
बता दें कि पेगासस मामले में कई पत्रकारों और एक्टिविस्ट ने अर्जियां दायर की थीं। इनकी मांग थी कि सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में जांच करवाई जाए। पिटीशनर्स ने ये भी कहा था कि मिलिट्री ग्रेड के स्पाइवेयर से जासूसी करना निजता के अधिकार का उल्लंघन है। पत्रकारों, डॉक्टर्स, वकील, एक्टिविस्ट, मंत्रियों और विपक्षी दलों के नेताओं के फोन हैक करना बोलने की आजादी के अधिकार से समझौता करना है। बता दें कि खोजी पत्रकारों के अंतरराष्ट्रीय ग्रुप का दावा है कि इजराइली कंपनी एनएसओ के जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस से 10 देशों में 50 हजार लोगों की जासूसी हुई। भारत में भी 300 नाम सामने आए हैं, जिनके फोन की निगरानी की गई। इनमें सरकार में शामिल मंत्री, विपक्ष के नेता, पत्रकार, वकील, जज, कारोबारी, अफसर, वैज्ञानिक और एक्टिविस्ट शामिल हैं।

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