होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। भारतीय संस्कृति में उन सभी संजीव व निर्जीव वस्तुओं, जिन का इंसानी जीवन में महत्तव है, उन के संरक्षण के लिए कोई न कोई दिवस बनाया गया है और इस दिवस को मनाने के लिए वैज्ञानिक व धार्मिक दोनों तथ्यों को प्रमुखता दी गई है। उपरोक्त शब्द राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के विभाग संर्पक प्रमुख मनोज गुप्ता ने गोपाष्टमी दिवस के अवसर पर इस दिवस की महत्ता बताते हुए कहे। मनोज गुप्ता ने कहा कि वैज्ञानिक तरीके से देखा जाए, तो कार्तिक मास में जलवायु में बदलाव के कारण छोटी छोटी संक्रमित बीमारियां होना आम बात है और इन बीमारियों से लडऩे के लिए भारतीय गऊ का हर अंश लाभदायक है। उन्होने कहा कि भारतीय गऊ के मल मूत्र से लेकर श्वास तक से आदमी को निरोग रहने में मदद मिलती है।
मनोज गुप्ता ने कहा कि धार्मिक दृष्टि से भी इस दिन की महत्ता हमारे ग्रंथों में दर्ज है। इस मौके पर मनोज गुप्ता ने भारतीयों से अपील की कि साजिश के तहत भारतीय गऊ का स्वरूप बदलने की कोशिश की जाती रही है, पर असल गऊ माता का दर्जा केवल भारतीय गऊ को ही प्राप्त है, इसलिए ज्यादा से ज्यादा भारतीय गऊ की संभाल का प्रयास करें।