केवल राजनीतिक लाभ के लिए बिजली सौदों को रद्द करने का मुद्दा उठा रही है कांग्रेस: तीक्ष्ण सूद

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। गत दिवस पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में बिजली के उत्पादन तथा  सप्लाई  के लिए अकाली-भाजपा सरकार द्वारा जो निर्विघन बिजली सप्लाई देने के लिए सौदे (पी.पी.ए) किए गए थे कांग्रेस उन पर गन्दी राजनीति कर रही  हैं। पंजाब में बिजली की कमी देखते हुए तथा खपत के अनुसार बिजली सप्लाई करने के लिए जो सौदे किए गए थे, उन्हें  रद्द करने का मुद्दा 2017 में चुनावों के दौरान कांग्रेस ने उठाया था तथा अपने चुनावी वादों में इन सौदों (पी.पी.ए )को रद्द करने के लिए  कोई कदम भी  साडे 4 साल तक इस दिशा में  नहीं  उठाया गया तथा सौदे  बहाल  रखे गए।  

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अब 2022 के विधानसभा चुनावों को देखते हुए राजनीति शुरू हो गई है ,पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सौदे  रद्द करने के आदेश दिए और उनके बाद में चन्नी ने इस मुद्दे को भुनाने के लिए वाइट पेपर विधानसभा में पेश कर दिया। परन्तु सरकार अब तक यह नहीं बता सकी कि इन कानूनी दस्तावेजों को किस आधार पर रद्द किया जा सकता है।  सरकार ने सौदों के तहत मिलने वाली  बिजली सप्लाई को पक्का करने के लिए सरकारी  बठिंडा  का सरकारी थर्मल पावर प्लांट पक्के तौर पर बंद कर दिया तथा रोपड़ का प्लाट भी आधी क्षमता पर चलाया  जा रहा है। सूद द्वारा जारी प्रेस नोट में पंजाब सरकार से  प्रश्न किया गया है कि वह  बताएं कि सौदे रद्द होने की सूरत में सस्ती तथा लगातार बिजली सप्लाई कैसे और कहां  से मुहैया  करवाई जाएगी। क्योंकि पंजाब की खपत जितनी बिजली मौजुदा से कम रेटों में पूरी मात्रा  में राष्ट्रीय ग्रिड से प्राप्त करना असंभव है।   

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