होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़) रिपोर्ट: प्रवीन सोहल। 15 नवंबर 2021 को तलवाड़ा नगर पंचायत के 8 पार्षदों ने “अध्यक्षा मोनिका शर्मा” के विरोध में अपने त्याग पत्र दे दिए थे और इस ख़बर के बाद पूरे दसूहा निर्वाचन क्षेत्र में इसकी चर्चा हो रही है कि क्या नगर पंचाय तलवाड़ा की अध्यक्षा की कुर्सी खतरे में है। बेशक यह फैसला 8 पार्षदों ने बहुमत के साथ लिया है लेकिन यह सिर्फ़ 8 लोगों का फ़ैसला नहीं बल्कि उन हज़ारों लोगों का फ़ैसला मानना चाहिए, जिन्होंने इन पार्षदों को अपना नेतृत्व सौंपा है।
नगर पंचायत के “अध्यक्ष” का चुनाव सिर्फ़ और सिर्फ़ पार्षदों के बहुमत पर आधारित है और यह “मोनिका शर्मा”के विरोध में है इसलिए “मोनिका शर्मा को पक्ष रखना चाहिए क्योंकि उनके देरी करने पर सभी पार्षद फिर से प्रैस कॉन्फ्रेंस करके उनको हटाने की मांग कर सकते हैं यां आधिकारिक रूप से अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। ऐसा करने की सूरत में “कांग्रेस” को तो राजनीतिक साख को नुकसान होगा ही साथ ही साथ विपक्ष को एक मौका मिलेगा कि वह त्याग पत्र दिए पार्षदों को अपने खेमें में लाने के लिए कोशिश कर सकते हैं। जानकारी के अनुसार चर्चा है कि सभी त्याग पत्र दे चुके पार्षदों ने फ़ैसला किया है कि अगर कोई भी उन्हें तोडऩे के लिए कॉल करेगा तो वो सभी उस शक्स की कॉल को रिकॉर्ड करेंगे और आवश्यकता आने पर प्रैस कॉन्फ्रेंस में उसका इस्तेमाल भी करेंगे और सभी पार्षदों का दूसरा फैसला यह है कि अगर उनमें से किसी को भी किसी भी “शक्स” द्वारा संबंधित विषय पर बात करने को बुलाया जाएगा तो वह बाकी पार्षदों को सूचित करेंगे और उससे मिलने जाएंगे। जानकारी के अनुसार सभी इस्तीफा देने वाले पार्षद अपने फ़ैसला पर अड़े हुए हैं और इसे अपने आत्म-सम्मान का मामला मान रहे हैं, क्योंकि हज़ारों “मतदाताओं” ने बहुत सोच समझ और विश्वास के साथ इनको अपना प्रतिनिधित्व सौंपा था और उसी जनता के विकास के काम को सुचारू रूप से करवाने के लिए इन्होंने यह फ़ैसला लिया है। अब देखते हैं कि अध्यक्षा मोनिका शर्मा विरोध में उतरे पार्षदों को मना पाती हैं या अपनी पत्र से त्यागपत्र देती हैं।