होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। शिरोमणि अकाली दल (बादल) की मान्यता रद्द करवाने की मांग वाली याचिका की अगली सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट ने 25 फरवरी होगी। यह याचिका सोशलिस्ट पार्टी आफ इंडिया के पूर्व राष्ट्रीय उप प्रधान और समाज सेवी बलवंत सिंह खेड़ा और ओम सिंह की तरफ से दी गई है। सुनवाई दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने उनकी ज्यादा उम्र का हवाला देकर जल्द सुनवाई की अपील की थी ।
चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की दो सदस्यीय बैंच के सामने पटीशनकर्ता के वकील प्रशांत भूषण और एडवोकेट मिस इंद्रा ओनियार पेश हुए। पटीशनकर्ता के वकील मिस इंद्रा ओनियार ने बताया कि पटीशनकर्ता बलवंत सिंह खेड़ा 80 साल की उम्र से पार हो चुके हैं उनकी तरफ से सेहत और बडी उम्र के आधार पर इस केस की जल्दी सुनवाई करने की अपील की गई थी। इंद्रा ओनियार ने बताया कि इस मामलो में माननीय दिल्ली हाई कोर्ट के दो मैम्बरी बैंच ने 25 फरवरी की आगे वाली सुनवाई निर्धारित की है। इस केस में पेश हुए इलैक्शन कमीशन के प्रतिनिधियों ने बताया कि इलैक्शन कमिशनर ने नया ओहदा संभाला है इस लिए इस केस बारे जानकारी हासिल करने के लिए एक महीने की समय की मांग की गई थी जिस पर माननीय हाईकोर्ट ने जनवरी की बजाय 25 फरवरी सुनवाई निर्धारित की है।
मिस इंद्रा ओनियार ने बताया कि शिरोमणि अकाली दल की तरफ से हासिल की गई मान्यता गलत हलफीया बयान देने के आधार पर रद्द करने की यह पटीशन दायर की गई थी, जिस मुताबिक राजनीति और धार्मिक क्षेत्र में इस पार्टी की तरफ से अपनी सरगर्मियां की जा रही हैं। इस के आधार पर यह मान्यता रद्द करने की माँग की गई है। उल्लेखनीय है कि पटीशनकर्ता की यह पटीशन पीपलज़ एक्ट अनुसार 51 के सैक्शन 29 ए और माननीय सुप्रीम कोर्ट की तरफ से एसआर बोमयी केस में दी गई रूलिंग के आधार पर दर्ज करवाई गई है, जिस मुताबिक गलत तथ्यों के आधार पर राजनीतिक पार्टी को दी गई मान्यता रद्द किए जाने का हवाला दिया गया है।