खुले में रखी गायों को सुरक्षित जगह शिफ्ट करने में प्रशासन का सहयोग न देना निंदनीय: धार्मिक संस्थाएं

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। हरियाणा स्थित अस्थायी गौशाला में रखी गायों को सुरक्षित जगह पर शिफ्ट करने संबंधी प्रबंधों को लेकर विभिन्न संगठनों की एक बैठक हरियाणा में आयोजित की गई। जिसमें नई सोच के संस्थापक अध्यक्ष अश्विनी गैंद, सफल गुरु भारत परंपरा से वीरप्रताप राणा, बाला जी क्रांति सेना से बब्बा हांडा व श्री राजपूत करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष विनोद ठाकुर मौजूद थे ने एकमत से कहा कि लावारिस गायों एवं गौधन की सेवा संभाल के लिए जगदीश शर्मा ने जो प्रयास किया था वह पर्याप्त नहीं हैं, क्योंकि जिस स्थान पर गायों को रखा गया है वह किसी की निजी मलकीयत है और उसने भी सेवार्थ गायों को रखने की आज्ञा दी थी।

Advertisements

परन्तु गायों की संख्या बढऩे से अब समस्या पेश आने लगी है व इनकी सेवा संभाल भी ठीक ढंग से नहीं हो पा रही। उन्होंने कहा कि गायों को अलग-अलग गौशालाओं में शिफ्ट करने संबंधी उन्होंने अलग-अलग गौशाला प्रबंधकों से बात की है तथा उनमें से अधिकतर प्रबंधक थोड़ी-थोड़ी गायों को अपने यहां रखने को राजी भी हो गए हैं। लेकिन दुख की बात है कि इस सेवा कार्य में प्रशासन की तरफ से कोई सहयोग नहीं मिल रहा, जिस कारण समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा। इस अवसर पर अश्विनी गैंद ने कहा कि सर्दी व बारिश के कारण कई गायें बीमार हो चुकी हैं और कुछ तो अंतिम सांसें ले रही हैं। ऐसे में अगर गायों को जल्द से जल्द सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट न किया गया तो आने वाले दिनों में स्थिति और भी खराब हो सकती है। अगर गायों को कोई भी बड़ी क्षति पहुंचती है तो इसकी सारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। क्योंकि जगदीश शर्मा ने लावारिस गायों व गौधन को जोकि किसानों के खेतों में घुसकर फसलों का नुकसान करती थी व इन्होंने किसानों की मदद करने के उद्देश्य व धर्मार्थ और दुर्घटनाओं से बचाव का सोचकर नेक कार्य शुरु किया था। परन्तु इसमें उन्हें जनता व प्रशासन का पूर्ण सहयोग न मिलने के कारण अब समस्या बढ़ती जा रही है।

जिसके समाधान के लिए उक्त संस्थाओं के अलावा गौशाला प्रबंधक तो साथ दे रहे हैं, परन्तु दुख की बात है कि प्रशासन द्वारा कोई कदम नहीं उठाए जा रहे। वीरप्रताप राणा ने बताया कि समस्या के हल के लिए संस्था सदस्यों द्वारा ए.डी.सी. हरबीर सिंह से भेंट की गई थी और उनसे 10-15 गायों को सरकारी गौशाला फलाही में रखने की अपील की थी। पर उन्होंने जगह नहीं है की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया था। जो जिम्मेदारी प्रशासन की है उसे सामाजिक व धार्मिक संस्थाएं कर रही हैं, जबकि सरकार गौ सैस के नाम से करोड़ों रुपये इकट्ठा कर रही है। ऐसे में कहा जा सकता है कि अधिकारी वर्ग की उदासीनता के कारण जहां लावारिस गायों और गौधन की समस्या बढ़ रही है वहीं इसके कारण होने वाले हादसों के लिए भी अधिकारी वर्ग ही जिम्मेदार है। जो समस्या के हल के लिए कार्य कर रही संस्थाओं को सहयोग देने के लिए भी तैयार नहीं हो रहे। इस अवसर पर श्री राजपूत करणी सेना के शहरी अध्यक्ष कुलदीप शर्मा, जसविंदर राजू, संजीव कुमार पुन्नी, सत्ता हरियाना आदि मौजूद थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here