अधूरी रह गई तमन्ना: शहीद पैरा कमांडो विवेक बेटे के साथ मनाना चाहते थे उसका पहला जन्मदिन

धर्मशाला (द स्टैलर न्यूज़)। तमिलनाडु के कन्नूर में हेलिकॉप्टर हादसे में सीडीएस विपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत तथा 12 सेना अधिकारियों की मौत हो गई थी। जिनमें हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के पैरा कमांडो विवेक कुमार (29) भी शहीदों होने वालों में शामिल थे। विवेक चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत के साथ थे और उनके पीएसओ थे। विवेक अपने पीछे 4 माह का बेटा, पत्नी और माता-पिता को छोड़ गए हैं। वह तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े थे। जानकारी के अनुसार विवेक कांगड़ा जिले के जयसिंहपुर उपमंडल के कोसरी इलाके के अपर ठेहडू गांव से थे। लांस नायक विवेक कुमार 2012 में जैक राइफल में भर्ती हुए थे। बाद में वह पैरा कमांडो में चले गए थे। साल 2020 में विवेक की शादी हुई थी और कुछ माह पहले सितंबर में बेटे के पिता बने थे। उनकी बेटे का पहला जन्मदिन सेलिब्रेट करने की तमन्ना अधूरी रह गई। उनके पिता रमेश चंद दिहाड़ी का काम करते हैं। जबकि माता आशा देवी गृहिणी हैं। विवेक का एक छोटा भाई है, जो बैजनाथ के चौबीन में बेकरी में काम करते हैं। एक बहन की शादी हो चुकी है। विवेक अक्तूबर में घर छुट्टी आए थे। विवेक का ससुराल कोसरी गांव में ही है। 12वीं की शिक्षा प्राप्त करने के बाद वह जैक राइफल में भर्ती हुए थे।

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ठेहडू पंचायत के प्रधान विनोद कुमार ने बताया कि आर्मी की ओर से उन्हें फोन कॉल आई थी। बुधवार करीब शाम 4 बजे फोन कॉल के जरिये सेना ने लांस नायक विवेक कुमार के पारिवारिक सदस्यों का ब्यौरा पूछा गया था। इसके अलावा कोई जानकारी नहीं दी गई थी। जिलाधीश कांगड़ा निपुण जिंदल ने भी कहा कि उनके पास विवेक के शहीद होने की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। हालांकि कांगड़ा के लोकसभा सांसद किशन कपूर और राज्यसभा सदस्य इंदू गोस्वामी ने सोशल मीडिया पर विवेक के शहीद होने की जानकारी दी।

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