अब डेरों के महंतों द्वारा अपने उत्तराधिकारी के किये फ़ैसले को ही मान्यता देगी पंजाब सरकार: मुख्यमंत्री

पटियाला (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब के मुख्यमंत्री स. चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा है कि पंजाब सरकार, हिंदु धार्मिक डेरों के महंतों और साधू समाज की तरफ से अपने उत्तराधिकारी के किये फ़ैसले को ही मान्यता देगी। मुख्यमंत्री स. चन्नी, आज यहाँ हरपाल टिवाना आडीटोरियम में महंत श्री आत्मा राम की पहलकदमी पर सर्व सम्प्रदाय साधू मंडल पटियाला और भेख खट दर्शन साधू समाज महामंडल पंजाब द्वारा करवाए गए विराट संत सम्मेलन में शिकरत करने पहुँचे थे। इस मौके पर पंजाब के स्थानीय निकाय विभाग के मंत्री श्री ब्रह्म मोहिंद्रा भी मुख्यमंत्री के साथ मौजूद थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री स. चरणजीत सिंह चन्नी ने साधू समाज की तरफ से रखी सभी माँगों को मानते हुये कहा कि संतों और साधू समाज की तरफ से अपने उत्तराधिकारी के चयन संबंधी फ़ैसला संतों की प्रथा है और इसका फ़ैसला भी संतों की तरफ से ही किया जायेगा, सरकार इसमें कोई दखलअन्दाज़ी नहीं करेगी। उन्होंने कहा पंजाब भर में इस तरह के बाकी इंतकाल तुरंत करवाने के हुक्म के दिए जाएंगे और संत समाज जो चाहेंगे उसी के मुताबिक ही होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि संत अपनी गद्दी अपने किसी चेले को देने की वसीयत करके स्वर्ग सिधारेंगे तो उसे सरकार मान्यता देगी परंतु यदि ऐसा नहीं होता तो भेख भगवान द्वारा किये गए फ़ैसले को ही सरकार मान्यता देगी। मुख्यमंत्री स. चरणजीत सिंह चन्नी ने साधू समाज की मुश्किलें सरकार स्तर पर हल अपने आप करवाने के लिए साधू समाज की नुमायंदगी करते महंत आत्मा राम को सरकार में कैबिनेट रैंक देने की भी पेशकश की।
मुख्यमंत्री ने संत समाज को अपने मोरिंडा स्थित घर में चरण डालने की विनती की, जिसको संत समाज ने स्वीकृत कर लिया। इस दौरान कैबिनेट मंत्री श्री ब्रह्म मोहिंद्रा ने कहा कि महंत आत्मा राम की फिक्रमंदी के कारण पंजाब सरकार डेरा संतों और साधू समाज की दिक्कतों दूर करने के लिए मुख्यमंत्री स. चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व अधीन वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि वह 1980 से सरकार में रहे हैं परंतु जो काम करने का माहौल पिछले 3महीनों में बना है और सरकार का जो नया रूप इस बार देखा है वह पहले कभी नहीं बना। इससे पहले महंत श्री आत्मा राम ने मुख्यमंत्री स. चरणजीत सिंह चन्नी का स्वागत करते हुये मुख्यमंत्री के सादगी और श्रद्धा भाव की सराहना की। स्वामी हरि चेतना नंद हरिद्वार ने कहा कि गुरू के बाद गद्दी चेले को स्वाभाविक रूप में ही मिलनी चाहिए और सरकारों से उसे बनती मंज़ूरी भी स्वाभाविक मिलनी चाहिए।

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महंत बिक्रमजीत सिंह ने मुख्यमंत्री के सम्मुख हिंदु धार्मिक डेरों के किसी महंत के स्वर्ग सिधारने के बाद उसका उत्तराधिकारी महंत स्थापित किये जाने का मसला उठाते हुये कहा कि महंतों की नियुक्ति शाही फरमान की जगह सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेशों के मुताबिक, सम्बन्धित डेरो के 50 किलोमीटर दायरे के अधीन प्रतिष्ठित संतों -महंतों की लोकप्रिय संस्था भेख भगवान द्वारा किये जाने के आधार पर ही की जाये। इस मौके पर संत समाज के अन्य नुमायंदों ने भी संबोधन करते हुये कहा कि भेख की तरफ से नियुक्ति को सरकार मंजूरी दे और इसका इंतकाल एफ.सी.आर. दफ़्तर के पास जाने की जगह स्थानीय स्तर पर तुरंत तहसीलदार और एस.डी.ऐम. की तरफ से ही करवाया जाये। इस मौके पर मुख्यमंत्री स. चरणजीत सिंह चन्नी और श्री ब्रह्म मोहिंद्रा को सम्मानित किया गया।
भजन के साथ शुरू हुए इस विराट संत सम्मेलन में स्वामी हरि चेतना नंद हरिद्वार, महंत कमल दास, महंत दमोदर दास, महंत वंसी पुरी पहेवा, स्वामी परमहंस कुरूक्षेत्र, महंत परमानंद जंडियाला गुरू, महंत दिव्याअम्बर मुनि अमृतसर, महंत हरीहर दास चौरे वाले, महंत तरनप्रशाद पहेवा, महंत सरूपानन्द बठिंडा, महंत शांतानन्द बीरोके मानसा, कमल दास, महंत रमेश मुनि तलवंडी साबो, महंत अमृत मुनि मानसा, नरेश पाठक, रतनजीत सिंह, महंत वचन दास, महंत सच्चिदानंद गुरमा, विधायक हरदयाल सिंह कम्बोज़, हरप्रीत चीमा, ट्यूबवैल निगम के चेयरमैन महंत हरविन्दर सिंह खनौड़ा, यूथ नेता मोहित मोहेन्दरा, इम्परूवमैंट ट्रस्ट के चेयरमैन संत बांगा, पी.आर.टी.सी. चेयरमैन सतविन्दर सिंह चैड़ियां, रामगढिया भलाई बोर्ड के वाइस चेयरमैन जगजीत सिंह सग्गू, डिविज़नल कमिशनर चंद्र गैंद, ऐस.ऐस.पी. डा. सन्दीप गर्ग, अतिरिक्त डिप्टी कमिशनर (शहरी विकास) गौतम जैन समेत निर्मल पंथ, पंचायती अखाड़ा, उदासीन संप्रदाय के पहेवा, हरिद्वार और कुरूक्षेत्र से एक दर्जन से अधिक अखाड़ों के बड़ी संख्या में और साधू महात्मा और कई समाज सेवीं संस्थाओं के नुमायंदे भी मौजूद थे।

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